पटवारियों की हड़ताल के कारण किसान स्वघोषणा के आधार पर करा सकेंगे पंजीयन एवं उपज बेचान

 


जयपुर। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बुधवार को कहा कि समर्थन मूल्य पर 1 अप्रैल से होने वाली सरसों एवं चना की खरीद के लिए किसानों को बड़ी राहत दी गई है। पटवारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में किसानों को गिरदावरी नहीं मिल पा रही है। किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए जिन क्षेत्रों में पटवारियों द्वारा गिरदावरी जारी नहीं की जा रही है, ऐसे किसान अब स्वयं के घोषणा पत्र के आधार पर उपज बेचान के लिए ऑनलाइन पंजीयन करा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आंजना ने बताया कि यदि किसी किसान द्वारा फर्जी घोषणा पत्र के आधार पर पंजीयन कराया जाएगा तो उसके खिलाफ  सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पटवारियों की हड़ताल समाप्त होने पर या राजफैड़/क्रय केन्द्र द्वारा मांगे जाने पर मूल गिरदावरी किसान को प्रस्तुत करनी होगी। उन्होंने बताया कि यह अस्थाई व्यवस्था पटवारियों की हड़ताल की अवधि तक ही मान्य होगी। पटवारियों की हड़ताल समाप्त होने अथवा राज्य सरकार के द्वारा अन्य कोई व्यवस्था लागू करने की स्थिति में स्वघोषणा/शपथ पत्र व्यवस्था निष्प्रभावी होगी।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि  राज्य में सरसों एवं चने की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 25 मार्च से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। 1 अप्रैल से सरसों के 651 तथा चने के 651 केन्द्रों पर खरीद प्रारंभ की जाएगी। किसानों से समर्थन मूल्य पर चना की 6 लाख 14 हजार 900 मीट्रिक टन तथा सरसों की 12 लाख 22 हजार 775 मीट्रिक टन की खरीद की जाएगी। किसानों की सुविधा के लिए सरसों एवं चने क्रय-विक्रय सहकारी समितियों पर 264-264 केन्द्र तथा ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर 387-387 खरीद केन्द्र खोले गए हैं। प्रति किसान से अधिकतम 25 क्विंटल की खरीद की जाएगी।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि एक मोबाइल नंबर पर एक ही किसान का पंजीयन किया जाएगा तथा पंजीयन सुबह 9 से शाम 7 बजे तक होगा। उन्होंने बताया कि किसान की कृषि भूमि जिस तहसील में होगी उसी तहसील के कार्यक्षेत्र में आने वाले खरीद केन्द्र का चयन रजिस्ट्रेशन के दौरान कर सकेगा। उन्होंने बताया कि किसान को उसकी पंजीकरण दिनांक के आधार पर सॉफ्टवेयर द्वारा वरीयता के अनुसार तुलाई हेतु दिनांक एवं जिन्स की मात्रा का आवंटन किया जायेगा तथा इसकी सूचना किसान के पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस द्वारा दी जाएगी।
 

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