एक साले वायरस ने तो दुनिया को...

भीलवाड़ा। आपको एक फिल्म याद होगी नाना पाटेकर की जिसमें उनका एक डायलॉग चर्चा में आया था- साला एक मच्छर आदमी को...। यहां एक वायरस ने पूरे विश्व को ही हिलाकर रख दिया है। न गोली चली है न बम, पर विश्वभर में 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई है और लाखों इस वायरस की देन से तड़प रहे हैं और न जाने...।
इसी वायरस पर भीलवाड़ा के बुजर्गों ने कुछ इस तरह की प्रतिक्रिया दी।
हमारी जिंदगी में तो इस तरह का माहौल कभी नहीं देखा। लोग कह रहे हैं कि मौत सामने है लेकिन कई अब भी बेपरवाह हैं। उन्हें समझना चाहिए। इस तरह की बात ज्योति नगर में रहने वाले विनोद वर्मा ने कही। 60 साल के वर्मा ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सुना कि ट्रेनें बंद हुई हों। पहले युद्ध भी हुए लेकिन इस तरह का माहौल नहीं देखा। घर के लोग डरे हुए हैं और दहशत में हैं कि अब क्या होगा। वर्मा ने लोगों से यह कहा कि वे घर में सुरक्षित रहें। सिंधु नगर में रहने वाले प्रहलाद राय खोतानी ने कहा कि कलयुग आ गया है। आदमी जिंदा है लेकिन डरा हुआ है। मैंने मेरी जिंदगी में इस तरह के दिन नहीं देखे। सड़कें सूनी हैं। ट्रेनें नहीं चल रही हैं और बसें भी बंद हैं।
पांसल रोड पर रहने वाले हमीरलाल गढ़वाल का मानना है कि उन्होंने 80 साल से ज्यादा का समय देखा है लेकिन ऐसा वक्त कभी नहीं। आपातकाल में भी परेशानी आई थी लेकिन इस तरह की नहीं। एक वायरस ने भारत ही नहीं बल्कि विश्व को हिलाकर रख दिया है। विश्वयुद्ध के समय भी इस तरह की पाबंदियां नहीं लगी थीं। घर में मन नहीं लगता, बाहर निकल नहीं सकते, बस अब तो दम घुटने लगा है। संजय कॉलोनी निवासी रामकुमार तोषनीवाल ने कहा कि यह क्या वक्त आ गया है। मेरी जिंदगी में मैंने ऐसा समय पहले कभी नहीं देखा। पहले भी कफ्र्यू लगे हैं लेकिन देश बंद नहीं हुआ। अब तो देश ही बंद हो गया है। आपातकाल देखा, विश्वयुद्ध का समय सुना लेकिन इस वायरस ने तो दुनिया की जिंदगी हिलाकर रख दी है।
चपरासी कॉलोनी में रहने वाली पुष्पा चौहान का कहना है कि यो कांई हो ग्यो, अस्यो तो पेहली कदी न देख्यो, अब कठे जावां। म्हांके तो सामानां का भी फोड़ा पड़ग्या है। पेहली काळ भी पड्यो पर अस्यो समय कदी कोनी देख्यो। अब तो राम ही जाण कांई होसी।    


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