गाड़ी दूर खड़ी कर पैदल गांव में जाते, सूने घरों के ताले तोड़ उड़ा रहे थे नकदी व गहने, अब चढ़े पुलिस के हत्थे
भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल। एक के बाद एक चोरियां कर आमजन का सकून और पुलिस का चैन छीन रहे नकबजन गिरोह के तीन सदस्यों को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह ऐसा गिरोह है जो गाड़ी लेकर चोरियां करने निकलता और गाड़ी को दूर खड़ी कर पैदल ही गांव में जाकर सूने मकानों को निशाना बनाकर नकदी व जेवरात पर हाथ साफ कर रहा था। पुलिस का दावा है कि इस गिरोह से नकबजनी ओर चोरी की कई वारदातों से पर्दा उठेगा।
पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने जिले में बढ़ रही चोरी की वारदातों पर अंकुश के निर्देश दिये। इसके चलते एएसपी गजेंद्रसिंह जौधा के नेतृत्व में टीम गठित की गई। इस टीम ने तकनिकी सहायता के साथ ही पुराने चालानशुदा अपराधियों से पूछताछ व गहन पड़ताल की। इसके बाद मिले सबूत के आधार पर पुलिस ने मेघनिवास, चित्तौडग़ढ़ जिले के प्रकाश पुत्र नरसिंह कंजर, रतन उर्फ रतनिया पुत्र नरसिंह कंजर व सनिया उर्फ सन्या पुत्र प्रहलाद कंजर को दबोचा। गहन पूछताछ की तो इस गिरोह की वारदातों में संलिप्तता सामने आई। इसके बाद पुलिस ने सदर थाने में पिछले वर्ष दर्ज मामले में इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि इस गिरोह से चोरी व नकबजनी की कई वारदातों से पर्दा उठेगा।
यह था चोरी का तरिका
पुलिस का कहना है कि यह गिरोह रात में वारदात के लिए निकल पड़ता। अपने साथ ली गई गाड़ी से ये गिरोह वहां पहुंचता, जहां इन्हें वारदात करनी होती थी। इसके बाद अपने साथ लाये वाहन को ले लोग गांव से दूर खड़ी कर देते। इसके बाद पैदल ही गांव में पहुंच जाते। जहां भी इन्हें सूना मकान दिखाई पड़ता, ये उसी को निशाना बना लेते। ऐसे सूने मकानों के ताले चटकाकर मकान में प्रवेश करने के बाद वहां से नकदी और गहने चुरा लेते और वाहन में बैठकर अपने गांव लौट जाते थे।
ये थे पुलिस टीम में शामिल
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय, जोधा के नेतृत्व में गठित टीम में डीएसपी सदर रामेश्वर प्रसाद, सदर थाना प्रभारी जगदीशप्रसाद मीणा, साइबर सैल के आशीष कुमार, एसएसआई मदनलाल, हैडकांस्टेबल सुनील कुमार, सचिंद्र मोहन, पिंटू कुमार, दीपक कुमार, सत्यनारायण कांस्टेबल, प्रदीप कुमार, सुनील कुमार, भंवर सिंह, कमल टांडी शामिल थे।
किस आरोपित पर कितने मामले, कहां-कहां है दर्ज
प्रकाश कंजर- इसके खिलाफ 12 मुकदमें दर्ज है। इनमें बूंदी सदर, बिजौलियां, कोरोई, सुभाषनगर में दो, पंडेर, कोटड़ी, तालेड़ा बूंदी, कोटड़ी, शक्करगढ़, जहाजपुर व रोहट थाने में चोरी, नकबजनी और आम्र्स एक्ट के मामले दर्ज हैं। ये सभी मामले न्यायालय में विचाराधीन है।
रतन उर्फ रतनिया कंजर- इसके खिलाफ इसके खिलाफ 11 केस दर्ज है। इनमें सुभाषनगर, तालेड़ा बूंदी, कोटड़ी, शक्करगढ़, शाहपुरा, शक्करगढ़ और जहाजपुर थाने में चोरी, नकबजनी व आम्र्स एक्ट के केस दर्ज हैं।
सनिया उर्फ सन्या कंजर। इसके खिलाफ भी 12 केस चोरी, नकबजनी और आम्र्स एक्ट के केस कोटड़ी, तालेड़ा, शक्करगढ़, शाहपुरा, बेगूं, बागौर, मंगरोप थानों में दर्ज होकर न्यायालय में विचाराधीन है।
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