मिस्त्री को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस के पक्ष में सुनाया फैसला

 


दिल्ली ।आज सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस के पक्ष में फैसला सुनाया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) के साइरस मिस्त्री को कंपनी का दोबारा चेयरमैन नियुक्त करने के फैसले को पलट दिया है। एनसीएलटी  ने 17 दिसंबर 2019 को फैसला सुनाया था कि टाटा संस के चेयरमैन पद पर मिस्त्री की दोबारा बहाल किया जाए जिसके खिलाफ टाटा संस ने याचिका दायर की थी। एनसीएलटी के उसी फैसले को आज सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है।

एनसीएलटी ने सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाने को गलत बताया था। एनसीएलएटी ने मिस्त्री को दोबारा चेयरमैन बनाने का आदेश दिया था, जिसके खिलाफ टाटा सन्स सुप्रीम कोर्ट गई। ये मामला बीते साल 2019 में 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट गया था। 

4 साल से ट्रिब्यूनल और कोर्ट में चल रहा है मामला
24 अक्टूबर 2016 को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से सायरस मिस्त्री को हटा दिया गया। उन्होंने दिसंबर 2016 में कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में इसके खिलाफ याचिका दायर की। जुलाई 2018 में एनसीएलटी ने मिस्त्री की याचिका खारिज कर दी और टाटा सन्स के फैसले को सही बताया। इसके खिलाफ मिस्त्री एनसीएलएटी गए।दिसंबर 2019 में  ने मिस्त्री को दोबारा टाटा सन्स का चेयरमैन बनाने का आदेश दिया। इसके खिलाफ टाटा सन्स ने जनवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट में अपील की।

 

2016 में टाटा ने ग्रुप ने साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स से हटाया
टाटा ग्रुप ने सायरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से 24 अक्टूबर 2016 को हटा दिया था। उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया। टाटा सन्स का कहना था कि मिस्त्री के कामकाज का तरीका टाटा ग्रुप के काम करने के तरीके से मेल नहीं खा रहा। इसके बाद टाटा ग्रुप ने एन चंद्रशेखरन को टाटा सन्स का चेयरमैन बनाया गया। टाटा ग्रुप के 150 से अधिक सालों को इतिहास में साइरस मिस्त्री छठे चेयरमैन थे। दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट लिया था जिसके बाद साइरस मिस्त्री चेयरमैन बनाया गए।

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कितनी है टाटा ट्रस्ट और मिस्त्री परिवार की हिस्सेदारी
मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में 18.4% की हिस्सेदारी है। वो टाटा ट्रस्ट के बाद टाटा सन्स में दूसरे सबसे बड़े शेयर होल्डर्स हैं। टाटा सन्स में टाटा ट्रस्ट की हिस्सेदारी 66% है। मार्च 2020 तक टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का रेवेन्यू 7.92 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा था। जबकि, इनकी मार्केट कैपिटल मार्च 2019 तक 11.09 लाख करोड़ रुपए थी।

टाटा ग्रुप से अलग है टाटा सन्स
टाटा ग्रुप में 100 से ज्यादा कंपनियां हैं। इन सभी का कंट्रोल टाटा सन्स के पास  है। ग्रुप की सभी प्रमुख कंपनियों में टाटा सन्स की हिस्सेदारी 25 से लेकर 73% तक है। सबसे ज्यादा 73% हिस्सेदारी टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन में है।

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