आचार्य विजयराजजी म.सा. रविवार को जोगणिया माता में

 


चित्तौड़गढ़,हलचल।साधुमागी शान्त क्रान्ति संघ के आचार्य  विजयराज  म.सा. मध्य-प्रदेश के सिंगोली से विहार कर कास्या, बिजौलिया होते हुए रविवार को जोेगणिया माता पहुंच रहे हैं। वहां से बेगूं होते हुए होली चातुर्मास हेतु लगभग 22 मार्च तक चित्तौड़गढ़ के उपनगर बापूनगर -सेंती क्षेत्र में पहुंचने की संभावना है। जहां चातुर्मास निर्धारण दिवस 1 अप्रेल को आचार्यश्री अपना तथा अपने संत-सतियों के चातुर्मास की घोषणाएं करेंगे।
श्वेताम्बर स्थानकवासी ओसवाल संघ (सोसायटी) के मंत्री विमल कुमार कोठारी ने बताया कि होली चातुर्मास कार्यक्रम के लिये सभी तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सहा है।    अध्यक्ष हिम्मतसिंह अलावत के संयोजन में स्वागत समिति तथा भोजन, आवास, वित्त, पाण्डाल, चिकित्सा, संचालक, गोचरी व्यवस्था आदि एक दर्जन से अधिक समितियों का गठन अलग-अलग संयोजकों के नेतृत्व में कर लिया गया है। 
होली चातुर्मास पर आचार्य प्रवर एवं  महास्थविर शांतिमुनिजी म.सा. आदि ठााणा 11, महासति अनोखाकंवरजी म.सा, महासति सूर्यकांताजी म.सा., महासति वसुमतिजी म.सा. महासति पुष्पावतीजी म.सा, महासति ताराकंवरजी म.सा, महासति पारसकंवरजी म.सा, महासति विजयश्रीजी म.सा. महासति राजश्रीजी म.सा एवं महासति पद्मश्रीजी म.सा. आदि ठाणा के पधारने की संभावना है। होली चातुर्मास के अवसर पर लगभग 50 चारित्र आत्माओं के दर्शन-वन्दन-सेवा का सहज लाभ प्राप्त होगा। 
होली चातुमार्स आयोजन समिति के संयोजक रघुवीर जैन ने बताया कि आचार्य श्री विजयराजजी म.सा. के 7 मार्च को प्रसिद्ध तीर्थ स्थल जोगणिया माता पहुंचने की संभावना है, जो राजस्थान प्रवर्तिनी प्रसिद्ध जैन साध्वी यशकंवरजी म.सा. की कर्मस्थली रहा है। जहां सदियों से हो रही पशु बलि को रूकवाने में महासतिवर्या की प्रमुख भूमिका रही है। उसके बाद 9 मार्च को प्रातः 8 बजे महासति यशकंवरजी म.सा. की दीक्षा स्थली बेगूं प्रवेश की संभावना है। लगभग 15 वर्षों बाद महाराष्ट्र, आन्ध्र-प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ उड़ीसा, मध्य-प्रदेश आदि का पैदल विहार करने के बाद आचार्यश्री का पुनः राजस्थान में पधारने पर कास्या व बिजौलिया में भव्य स्वागत किया गया और अब जोगणिया माता व बेगूं में भी स्वागत की जोरदार तैयारियों की जा रही है।

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

मुंडन संस्कार से पहले आई मौत- बेकाबू बोलेरो की टक्कर से पिता-पुत्र की मौत, पत्नी घायल, भादू में शोक

जहाजपुर थाना प्रभारी के पिता ने 2 लाख रुपये लेकर कहा, आप निश्चित होकर ट्रैक्टर चलाओ, मेरा बेटा आपको परेशान नहीं करेगा, शिकायत पर पिता-पुत्र के खिलाफ एसीबी में केस दर्ज