हुक्का बार चलाना अब दण्डनीय अपराध, एक लाख तक जुर्माना और तीन साल तक की सजा
जयपुर, राजस्थान में विधानसभा में पारित किया गया संशोधित कोटपा अधिनियम (सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) लागू होने के साथ ही अब हुक्का बार चलाना दण्डनीय अपराध हो गया है। राजस्थान में हुक्का बार चलाने पर अब एक लाख का तक जुुर्माना और एक से तीन वर्ष तक का कारावास हो सकता है।
कोटपा एक्ट वैसे तो 2003 से लागू है, लेकिन हुक्का बारों पर रोक लगाने के लिए राजस्थान विधानसभा ने पिछले वर्ष इस एक्ट में संशोधन करते हुए नए नियम लागू किए थे। इस संशोधित एक्ट को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और राजस्थान राजपत्र में इसे प्रकाशित कर दिया गया है। ऐसे में अब इसके नए नियम पूरे प्रदेश में लागू हो गए है।
एडिशनल डीसीपी अशोक कुमार गुप्ता ने बताया कि संसोधित कोटपा अधिनियम में कई महत्वपुर्ण संशोधन किये गये हैं। कोटपा एक्ट में पहली बार हुक्का बार शब्द को परिभाषित करते हुए बताया गया है कि यह एक ऐसा स्थान है जहां पर लोग हुक्के या नारगिल से तंबाकू का धुम्रपान करने के लिए एकत्रित होते हैं। कोटपा एक्ट में नयी धारा 4-ए जोड़ते हुए लिखा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थान या भोजनालय पर हुक्का बार नही खोल सकता। इसके अलावा किसी भी रेस्टोरेंट में भी तंबाकू उत्पाद का सेवन करने पर रोक लगा दी गयी है।
कोटपा एक्ट के तहत बनाये नियमों को तोड़ने पर पहले मात्र 200 रुपये का जुर्माना होता था लेकिन अब इसे ढाई सौ गुना बढ़ाते हुए प्रावधान किया गया है कि अब अगर कोई कोटपा एक्ट का उल्लंघन करता है तो उसे 50 हजार रुपये से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा। इतना ही नहीं अब नियम तोड़ने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। इसमें एक साल से 3 साल तक की जेल भी होगी। इन नियमों को लेकर जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की ओर से सभी थानों को निर्देशित किया जा चुका है। इसकी मॉनिटरिंग कमिश्नरेट स्तर पर की जा रही है।
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