पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से पंजाब की इंडस्ट्री पर संकट, टायर-ट्यूब व पैकिंग मटीरियल 15% महंगे

 


लुधियाना। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार उछाल से जहां आम आदमी बेहाल है  वहीं उद्योग जगत पर भी इसका असर पड़ रहा है। इंजीनियरिंग उद्योग हो या टेक्सटाइल सभी सेक्टर के कच्चे माल की कीमतों में लगातार इजाफा होने से उत्पादन लागत बढ़ गई है। दूसरी ओर, बाजार में आर्थिक सुस्ती के कारण बढ़ी लागत को पूरा ग्राहक पर पासआन करने में भी दिक्कत आ रही है। ऐसे में इंडस्ट्री के मार्जन पर दबाव आ रहा है। उद्यमियों का कहना है कि सरकार पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कमी करने के लिए ठोस प्रयास करे।

दस से पंद्रह फीसद तक बढ़ी कीमतें

उद्यमियों का दावा है कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से इनसे आधारित उत्पादों की कीमतें 10 से 15 फीसद तक बढ़ गई हैं। वहीं फाइबर पर 70 फीसद तक असर पड़ा है। प्लास्टिक प्रोडक्ट्स, पैकिंग मटीरियल की कीमतों में 15 फीसद का उछाल आया है। टायर एवं ट्यूब दस फीसद, पेंट एवं केमिकल्स बारह फीसद तक महंगे हो चुके हैं। इस कारण जहां सारी प्लानिंग बिगड़ रही है। वहीं बाजार में प्रतिस्पर्धा करने में दिक्कत आ रही है।

साइकिल उत्पादन पर पड़ा असर

एवन साइकिल्स लिमिटेड के चेयरमैन कम मैनेजिंग डायरेक्टर ओंकार सिंह पाहवा का कहना है कि साइकिल में उपयोग होने वाले पेंट, केमिकल्स, टायर, ट्यूब के अलावा भाड़ा बढ़ गया है। उत्पादन लागत पर औसतन तीन फीसद असर पड़ा है। सरकार को निश्चित तौर पर इसे नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने होंगे।

टेक्सटाइल सेक्टर भी नहीं अछूता

नार्दर्न इंडिया टेक्सटाइल्स मिल्स एसोसिएशन (निटमा) के प्रधान संजय गर्ग ने कहा कि पालिएस्टर एवं एक्रेलिक धागों का कच्चा माल पेट्रो उत्पाद है। पालिएस्टर फाइबर की कीमतें 58 रुपये से 90 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं, जबकि एक्रेलिक फाइबर की कीमत 120 रुपये से बढ़कर 225 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई हैं।

उत्पादों पर महंगाई का असर पड़ा

फेडरेशन आफ इंडस्ट्रियल एंड कामर्शियल आर्गनाइजेशन के चेयरमैन एवं नीलम साइकिल्स के एमडी केके सेठ ने कहा कि साइकिल में लगने वाले प्लास्टिक के पुर्जे, टायर ट्यूब, पेंट इत्यादि पर पेट्रोलियम उत्पादों की महंगाई का असर हो रहा है। इससे लागत बढ़ रही है। इंडस्ट्री इसे मैनेज करने की कोशिश कर रही है।

वेट एंड वाच की स्थिति में उद्यमी

निटवियर अपैरल एक्सपोर्टर्स आर्गनाइजेशन के प्रधान हरीश दुआ का कहना है कि अभी उद्यमी वेट एंड वाच की स्थिति में हैं। एक्रेलिक यार्न और पालिएस्टर यार्न की कीमत में बेहद इजाफा हुआ है। इससे रेडिमेड गारमेंट की उत्पादन लागत भी बढ़ गई है। मजबूरन उत्पादों के प्राइस टैग भी संशोधित किए जाएंगे।

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