होलिका दहन के लिए माधव गौशाला ने तैयार किए 2 लाख कंडे

 

भीलवाड़ा (हलचल)। होलिका दहन को लेकर जिले के नोगांवा स्थित माधव गौशाला ने सराहनीय कदम उठाया है। गौशाला की ओर से पेड़ों के संरक्षण के लिए गाय के गोबर से बने कण्डो से होलिका दहन करने का अभियान प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी शुरू किया है। परम पूज्य माधव गो विज्ञान अनुसंधान संस्थान द्वारा संचालित इस गोशाला ने होलिका दहन आयोजन समितियों से आग्रह किया है कि वह हरे पेड़ों की बलि नहीं देकर कण्डो से होली जलाएं। माधव गौशाला में 2 लाख से अधिक गोबर के कंडे तैयार करवाए गए हैं।  हजारों की तादाद में होलिका को अर्पित करने के लिए बड़बुलो की मालाएं भी तैयार की गई है।  इस बार गुलाब, पालक सहित अन्य प्राकृतिक वस्तुओं से हर्बल गुलाल भी तैयार किया जा रहा है। होलिका दहन आयोजन समितियां कंडे, बड़बुलो की मालाएं व गुलाल रियायती दर पर लेने के लिए गौशाला में संपर्क कर कंडे बुक करवा सकती हैं। 

 111 जड़ी बूटियों से शुद्ध वातावरण

 होलिका दहन के दौरान आम, गूलर, बट, पीपल, खेर, चंदन, लाल चंदन, श्वेत चंदन, पीला चंदन,  अगरतगर, शम्मी, अर्क, तुलसी, नीम आदि वृक्ष व नव फसल जिसमे सुखा मेवा, मिश्री, खजूर,गिलोय तज, तुलसी मंजीर, भोज पत्र, लज्जावती,  शीतल चीनी, भीमसेनी कपूर, देवदारू, नागरमोथा, बिल्वपत्र, वाकूची, केशर,  पलाश पुष्प, जायफल, इंदरजव, गूगल, पुष्कर, मूल, कमलगट्टा, जावंत्री,  जमीठ, कपूर, काचरी, तेज पत्र, शंखपुष्पी, खस व गोखरू सहित 111 प्रकार की दिव्य औषधियों को देसी गाय के घी में मिलाकर प्रति व्यक्ति दाहिने हाथ से 7 बार गायत्री मंत्र से आहुतियां दे तो पर्यावरण शुद्ध होगा। 

वैदिक पद्धति से होगा होलिका दहन

होलिका दहन के लिए कण्डो के निर्माण के साथ ही गौशाला द्वारा वैदिक पद्धति से होलिका दहन करने का भी आग्रह किया जा रहा है। गोबर के कंडे के साथ ही विभिन्न वृक्षों के तनों, पत्तियों व औषधियों को गाय के देसी घी में मिलाकर होलिका दहन के दौरान आहुतियां देने की पद्धति को वैदिक पद्धति दहन कहा जाता है। 

विदेशों में हुआ अनुसंधान

वैदिक पद्धति से होलिका दहन के क्या लाभ है। इसे लेकर हरिद्वार, फ्रांस, रशिया, जर्मनी व अमेरिका में अनुसंधान हुआ है। अनुसंधान रिपोर्ट में सामने आया की एक ही तिथि वह एक ही समय में गोबर के कंडे से होली का दहन करने से कई प्रकार की संक्रामक बीमारियां दूर होती है। बीमारियों के वायरस मर जाने से आमजन निरोगी रहता है। 

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