सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को भेजा नोटिस, 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण के मसले पर कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने आज मराठा आरक्षण के मसले पर सभी राज्यों को नोटिस किया और उनसे पूछा कि क्या आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक होना चाहिए?सुप्रीम कोर्ट ने आज मराठा आरक्षण के मसले पर सुनवाई करते हुए यह कहा कि सभी राज्यों का पक्ष इस मसले पर जानना जरूरी है. कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस करते हुए सुनवाई 15 मार्च तक के लिए टाल दी है.आज की सुनवाई के दौरान वकील गोपाल शंकर नारायण ने कहा कि कई राज्यों में आरक्षण के मसले पर अलग-अलग विषयों को उठाया गया है. आर्थिक आधार पर आरक्षण का मसला भी इससे जुड़ा है, यही वजह है कि कोर्ट ने सभी राज्यों का पक्ष इस मामले में जानना चाहा है.गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मराठा जाति को शिक्षा और नौकरी में 16 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था. जिसके बाद विवाद शुरू हुआ था, क्योंकि मराठा जाति ना तो सवर्णों में शामिल है और ना ही दलितों में और पिछड़ों में. यह जाति आर्थिक रूप से भी मजबूत है.मराठा आरक्षण के बाद प्रदेश में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़कर 68 प्रतिशत हो गयी, जिसके कारण इस मसले पर विवाद बढ़ा और हाईकोर्ट के बाद यह मसला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से पहले सभी राज्यों को नोटिस भेजा है. |
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