इलाज के आभाव में जिंदगी की जंग लड़ता हुआ 8 माह का विकास

 


आसींद (मंजूर) जहा एक ओर आम जन को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले जिसके चलते सरकार प्रचार प्रसार में लाखों रुपये झोंक रही ही वही आसींद उपखण्ड़ की ग्राम पंचायत लाछुड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर निवास करने वाले रतन लाल प्रजापत के पुत्र 8 माह के विकास के दिल में छेद,है वही  ईलाज के लिए लाचार इसे नियति का क्रूर खेल ही कहेंगे कि एक मासूम जब अपनी मां की कोख से जन्म लेता है तो वह दिल के छेद की बीमारी को साथ लेकर पैदा होता है। यह जब किसी गरीब मां-बाप के साथ हो जाये तो वो मंजर ओर भी खतरनाक हो जाता है। यही वाकया भीलवाडा जिले के आसीन्द तहसील के लाछुड़ा ग्राम पंचायत में रहने वाले रतनलाल प्रजापत के साथ हुआ।  रतनलाल प्रजापत के घर पुत्र विकास प्रजापत का जन्म हुआ। जैसे-जैसे विकास बड़ा हुआ गुटने के बल चलने लगा जब गुटने के बल चलने लगा तो विकास की सांस फूलने लगती तो कभी रोते रोते बेहोश हो जाता। रतन लाल ने अपने बेटे की चिकित्सकीय जांच करवाई तो पता चला कि उसके दिल में छेद है,जो जन्म से ही है। परिजनों ने पहले राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आसीन्द जांच करवाई जहां डॉक्टरों ने जिला स्तर पर बड़े डॉक्टर्स को दिखाने की बात कही रतनलाल अपने बेटे विकास को जिला मुख्यालय ले गए जहां बच्चों के डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने जांच कर बताया कि बच्चे के दिल में 10 MM का छेद हैं,ओर ऑपरेशन करवाना बहुत ही जरूरी है,जो की बड़े शहर जयपुर या अहमदाबाद ही हो पाएगा विकास के ऑपरेशन पर 3 लाख से ऊपर का खर्चा बताया गया। यह सुनकर रतन लाल सन्न रह गए। रतनलाल प्रजापत आर्थिक रूप से बहुत कमजोर होने के कारण विकास को वापिस अपने गाँव लाछुड़ा लेकर आ गए। विकास के पिता रतनलाल  इस कार्य मे   आसीन्द थाने में मेस का खाना बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता है,वही आसीन्द थाना पुलिस ने परिवार की यथासंभव मदद करने का आश्वासन दिया है,विकास अपनी मां और पिता से दूर होने पर रोने लगता है इसी कारण पत्नी मोहनी देवी भी रतनलाल के साथ आसीन्द थाने में मेस के कार्य में पति की मदद के लिए हाथ बटोरती है ताकि विकास ना रोए। वही अगर समय रहते  अगर इसका इलाज नही हुआ तो एक माँ की कोख उझड जाएगी ।

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