डायबिटीज के लिए संजीवनी बूटी है बेलपत्र, ऐसे करें इस्तेमाल

 


 लाइफस्टाइल डेस्क। सनातन धर्म में बेलपत्र का विशेष महत्व है। भगवान शिव जी को बेलपत्र अति प्रिय है। शैव संप्रदाय समेत सभी श्रद्धालु भगवान शिव जी को मनाने और रिझाने के लिए बेलपत्र से उनकी पूजा आराधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव जी की बेलपत्र से पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लोग भगवान शिव जी को मनाने और रिझाने के लिए बेलपत्र से उनकी पूजा आराधना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव जी की बेलपत्र से पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सृष्टि के सृजन के समय से भोलेनाथ की पूजा बेलपत्र से की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि बेलपत्र ब्रह्म, विष्णु और महेश का प्रतीक है। साथ ही यह भी मत है कि बेलपत्र भगवान शिव जी के त्रिनेत्र हैं। इसके अलावा, बेलपत्र सेहत के लिए बेहद गुणकारी है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो कई प्रकार की बीमारियों में रामबाण दवा है। खासकर डायबिटीज के लिए बेलपत्र दवा माना जाता है। एक शोध में खुलासा हुआ है कि इससे कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और  ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है।

एक शोध के अनुसार, बेलपत्र में विटामिन ए, विटामिन सी,  विटामिन, कैल्सियम, राइबोफ्लोबिन, पोटैशियम, फाइबर,आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों से सुरक्षा करने में सहायक सिद्ध होते हैं।

पाचन तंत्र ठीक करता है

अनुचित खानपान और खराब दिनचर्या के चलते पेट संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे कब्ज, बदहजमी, अपच, एसिडिटी की शिकायत रहती है। पेट संबंधी सभी विकारों को दूर करने में बेलपत्र कारगर है। गर्मी के दिनों में बेल फल की शरबत पीने से लू का खतरा कम हो जाता है और पाचन तंत्र ठीक से काम करने लगता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद

चेहरे पर किसी भी प्रकार के दाग धब्बे, कील, मुंहासे की समस्या को दूर करने में बेलपत्र सक्षम है। इसके लिए बेलपत्र को पीसकर चेहरे पर फेस पैक की तरह लगाएं। कुछ समय बाद चेहरे को धो लें। इससे न केवल कील मुहांसे में आराम मिलता है, बल्कि चेहरे पर एक्स्ट्रा निखार आता है।

डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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