तब्लीगी जमातियों ने कबूली लॉकडाउन में कोरोना संक्रमण फैलाने वाली बात, कोर्ट ने सुनाई सजा
कोरोना महामारी का संक्रमण फैलाने, पासपोर्ट एवं विदेशी अधिनियम का दुरुपयोग करने के आरोप में फंसे इंडोनेशिया के 16 जमातियों समेत 21 जमातियों के खिलाफ सीजेएम यशपाल सिंह लोधी की कोर्ट में अपना फैसला सुना दिया। कोर्ट ने सभी जमातियों द्वारा जेल में बिताई गयी अवधि को सजा मानते हुए उनपर जुर्माना ठोका है। जुर्माना ना देने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनायी है। लॉकडाउन से पूर्व दिल्ली के एक धार्मिक स्थल पर इंडोनेशिया, थाईलेंड व तमिलनाडु समेत दूसरे राज्यों के तमाम तब्लीगी जमाती आये हुये थे। लॉकडाउन लगने पर ये सभी धार्मिक स्थल से भाग गये। मुरादाबाद पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान ठाकुरद्वारा के एक धार्मिक स्थल से इंडोनेशिया के आठ जमानतियों को गिरफ्तार किया था। वहीं नगीना पुलिस ने 30 मार्च 2020 को एक धार्मिक स्थल से आठ इंडोनेशिया के और पांच बिजनौर के जमातियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इंडोनेशिया के जमातियों पर महामारी अधिनियम के साथ पासपोर्ट व विदेशी अधिनियम में भी कार्यवाही की थी। जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए तब्लीगी जमातियों ने कोरोना महामारी फैलाने के आरोप से डिस्चार्ज करके की अर्जियां दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद इंडोनेशिया व बिजनौर के जमानतियों ने अदालत में अपना जुर्म इकबाल कर कम से कम सजा देने की गुहार की। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई।
आठ जमातियों पर 7900 का जुर्माना |
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