नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 'आत्मनिर्भर नारी शक्ति से संवाद'(Atmanirbhar Narishakti se Samvad) में शामिल हुए। उन्होंने दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत पदोन्नत महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) के सदस्यों के साथ बातचीत भी की। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने स्व-सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की सफलता की कहानी का संक्षिप्त विवरण तथा कम व छोटी जोत वाली खेती से पैदा होने वाली आजीविका पर एक पुस्तिका भी जारी की। 6-7 साल में स्व सहायता समूहों में तीन गुना बढ़ोतरी मोदी ने कहा-आज देशभर में लगभग 70 लाख स्वयं सहायता समूह हैं, जिनसे लगभग 8 करोड़ बहनें जुड़ी हैं। पिछले 6-7 सालों के दौरान स्वयं सहायता समूहों में तीन गुना से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, तीन गुना बहनों की भागीदारी सुनिश्चित हुई है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर जोर मोदी ने कहा-आज देश को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त करने का अभी अभियान चल रहा है। इसमें सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की दोहरी भूमिका है। आपको सिंगल यूज़ प्लास्टिक को लेकर जागारुकता भी बढ़ानी है और इसके विकल्प के लिए भी काम करना है। भारत में बने खिलौनों को प्रोत्साहन मोदी ने कहा-भारत में बने खिलौनों को भी सरकार बहुत प्रोत्साहित कर रही है, इसके लिए हर संभव मदद भी दे रही है। विशेष रूप से हमारे आदिवासी क्षेत्रों की बहनें तो पारंपरिक रूप से इससे जुड़ी हैं। नई ऊर्जा के साथ जुड़ना है मोदी ने कहा-आजादी के 75 वर्ष का ये समय नए लक्ष्य तय करने और नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का है। सरकार लगातार वो माहौल, वो स्थितियां बना रही है जहां से आप सभी बहनें हमारे गांवों को समृद्धि और संपन्नता से जोड़ सकती हैं। फूड प्रोसेसिंग पर जोर मोदी बोले-फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्यम हो, महिला किसान उत्पादक संघ हो या फिर दूसरे स्वयं सहायता समूह, बहनों के ऐसे लाखों समूहों के लिए 1,600 करोड़ रुपये से अधिक राशि भेजी गई है। भारत में बहनों-बेटियों के बढ़ने के अवसर प्रधानमंत्री ने कहा-आज बदलते हुए भारत में देश की बहनों-बेटियों के पास भी आगे बढ़ने के अवसर बढ़ रहे हैं। घर, शौचालय, बिजली, पानी, जैसी सुविधाओं से सभी बहनों को जोड़ा जा रहा है। बहनों-बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, टीकाकरण और दूसरी ज़रूरतों पर भी सरकार पूरी संवेदनशीलता से काम कर रही है। |
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