खेतों में काल बन रहे हैं सांप, रहे सावधान- 5 साल के मासूम की मौत, तीन अन्य की बिगड़ी हालत, अस्पताल में भर्ती

 

 भीलवाड़ा हलचल। बरसात का मौसम शुरू होने के साथ ही सांपों का कहर बढ़ जाता है। इसी कहर ने 5 साल के एक मासूम की जान ले ली, जबकि किशोरी व दो महिलाओं की हालत बिगड़ गई, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
एमजीएच चौकी सूत्रों के अनुसार, कारोई निवासी तनिश (5) पुत्र भंवरलाल गाडरी को खेत पर जहरीले जंतू ने काट लिया। इसके चलते उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उपचार के दौरान तनिश ने दम तोड़ दिया। इसी तरह भावलास का खेड़ा की पूजा (22) पत्नी पर्वतसिंह चूंडावत, बदनौर थाने के उम्मेदपुरा की गणी पत्नी पृथ्वीराज गुर्जर व काबरा ग्राम पंचायत आमलीगढ़ निवासी रतनी (17) पुत्री कन्हैयालाल कुमावत को खेत पर सांप ने डस लिया। इससे इन तीनों की हालत बिगड़ गई, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। 

बारिश में बढ़ जाता है कहर, सावधान रहने की है जरुरत
 बरसात का मौसम शुरू होने के साथ ही सांपों का कहर बढ़ जाता है। लेकिन इससे सावधान रहने की जरूरत है। अंधविश्वास व झाड़-फूंक कराने तथा समय से इलाज न होने पर सर्पदंश से पीडि़त लोगों की जान भी जा सकती है।

इन जगहों पर सर्पदंश की घटनाओं की बनी रहती है आशंका 
 इन दिनों में खेत खलिहान में बारिश का पानी भर जाने से जहरीले सांप गांवों की तरफ  रूख करने लगते हैं। गांव के खपरैल, घासफूस के मकान, पुरानी लकड़ी के ढेर सहित अन्य सुरक्षित स्थानों पर छिपे रहते हैं। इन्हीं जगहों पर सर्प दंश की घटना अधिक होने की आशंका भी रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सांप से काटे जाने का अधिक शिकार होते हैं।   

जुलाई से आधे अक्टूबर तक सर्पदंश का खतरा 
 जुलाई से लेकर आधे अक्तूबर तक का समय सर्प दंश के लिए अधिक घातक रहता है। इसी कारण इन दिनों सर्पदंश की घटनाएं बढ़ जाती हैं। 

खून का थक्का जमने से होती है मौत-चिकित्सक 
 सर्पदंश से शरीर में पहुंचने वाला जहर शरीर में रासायनिक प्रक्रिया करता है। हीमो टोक्सिक बाइङ्क्षटग से पीडि़त के शरीर की नसों में खून का थक्का जमने लगता है जिससे उसकी मौत हो जाती है। सही समय पर एंटी स्नेक वेनम मिलने से पीडि़त की जान बच सकती है। सांप के जहर से बनी यह दवा जहर से रियेक्ट कर इसे डायलूट करके जहर के असर को कम करती है। 

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