लोक कलाकारों की आर्थिक मदद करेगा आकृति कला संस्थान

 


भीलवाडा । स्थानीय आकृति कला संस्थान, भीलवाड़ा द्वारा स्थानीय लोक कलाकारो की सहायतार्थ चलाये जा रहे अभियान ’’सपोर्ट द आर्टिस्ट ’’ श्रृंखला में मोलेला की प्रसिद्व मूर्तिकला टेराकाटा की 5 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन वकील कॉलोनी स्थित आकृति आर्ट गैलेरी में किया जा रहा है जिसमें इकोफ्रेण्डली 100 प्रतिशत मिट्टी से निर्मित गणेश की प्रतिमाएँ सिखाई जायेगी ।
           संस्थान के सचिव कैलाश पालिया ने बताया कि 2 वर्ष से कोरोना की वजह से किसी भी तरह की कला गतिविधियॉ, क्राफ्ट मेले नहीं हो रहे है जिनके कारण लोक कलाकारो को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। संस्थान द्वारा चलाये जा रहे ’’सपोर्ट द आर्टिस्ट’’ कार्यक्रम की श्रृंखला के तहत राजसमन्द, नाथद्वारा के पास मोलेला गांव के विश्वप्रसिद्व कलाकार नारायण कुम्हार कार्यशाला में प्रशिक्षण देगें साथ ही नारायण कुम्हार द्वारा निर्मित 500 गणेश की मूर्तियो को भीलवाड़ा शहर में वितरित किया जायेगा ताकि आने वाले गणेश महोत्सव में इकोफ्रेण्डली गणेश की प्रतिमा स्थापित कर विर्सजन से होने वाले जल प्रदूषण को बचाया जा सके ।
           हमारी पारम्परिक कला है टेराकोटा - राजस्थान की भूमि कई कलाओ के लिए विख्यात है ऐसी ही एक कला है मिट्टी से बनी मूर्तियॉ - लाल मिट्टी को पकाकर देवी देवताओ व सजावटी सामान बनाने की कला जिसे टेराकोटा कला के नाम से जाना जाता है इससे जूडे शिल्पकार विभिन्न प्रकार के लोक देवी देवताओं का माटी में रूपाकंन करते है । यह कला 800 साल पुरानी एक पारम्परिक समृद्ध कला है प्रसिद्व कलाकार नारायण कुम्हार इस परम्परा की तीसरी पीढी के कलाकार है जिन्होने आज भी इस कला को जिन्दा रखे हुए है ।

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