जगतगुरु तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज ने बताई एक शिष्य की आधीनता"

 


आमेट(राजसमंद)
        ऐसे शिष्य उपदेशहिं पाई। होय दिव्य दृष्टि पुरूषपै जाई।। अर्थात भक्ति मुक्ति ट्रस्ट ,सतलोक आश्रम बरवाला के संचालक जगतगुरु तत्वदर्शी  संत रामपाल  महाराज ने शास्रविधि अनुसार सत्संग के माध्यम से बताया कि उपरोक्त विधि से गुरुजी के सामने विनम्रतापूर्वक प्रश्न करने तथा समर्पित भाव से दीक्षा प्राप्त करके भक्त दिव्य दृष्टि अर्थात् अलौकिक ज्ञान रुपी दृष्टि प्राप्त करके सत्यलोक में जाने का हरदम उद्देश्य रखकर भक्ति करता हुआ परमेश्वर के पास चला जाएगा। सतलोक प्राप्ति के बाद किसी भी मनुष्य का जन्म मरण नही होता ।अतार्थ पूर्ण मोक्ष की प्राप्ति कर लेता है ।

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