शिव योग में है हरियाली तीज, जानें तिथि, पूजा मुहूर्त एवं क्यों है महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण

 

 हिन्दू कैलेंडर के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि को भगवान शिव और माता पार्वती का दोबारा मिलन हुआ ​था। हरियाली तीज के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के निर्जला व्रत रखती हैं और उसके सुखमय जीवन की कामना करती हैं। हरियाली तीज के दिन माता पार्वती को हरे रंग की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं क्योंकि माता पार्वती को प्रकृति का स्वरुप माना जाता है। सावन में बारिश के कारण प्रकृति हरीभरी होती है। विशेषकर इस पूजा में माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करने का विधान है। पूजा के समय महिलाएं हरियाली तीज व्रत की कथा सुनती हैं। आइए जानते हैं कि इस वर्ष हरियाली तीज कब है? पूजा का मुहूर्त क्या है और उसका महत्व क्या है।

हरियाली तीज 2021 मुहूर्त

हिन्दी पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 10 अगस्त दिन मंगलवार को शाम 06 बजकर 05 मिनट से हो रहा है। यह तिथि 11 अगस्त दिन बुधवार को शाम 04 बजकर 53 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, इस वर्ष हरियाली तीज का व्रत 11 अगस्त को रखा जाएगा।

योग और मुहूर्त

11 अगस्त को शिव योग शाम 06 बजकर 28 मिनट तक है। शिव योग में हरियाली तीज का व्रत रखा जाएगा। इस दिन रवि योग भी सुबह 09:32 बजे से पूरे दिन रहेगा। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक है। राहुकाल दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से दोपहर 02 बजकर 06 मिनट तक है।

हरियाली तीज का महत्व

व्रती महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए माता पार्वती को हरी चूड़ियां, हरी साड़ी, सिंदूर समेत सुहाग की सामग्री अर्पित करती हैं। पूजा के बाद महिलाएं अपनी सास या जेठानी को सुहाग का सामान भेंटकर आशीर्वाद लेती हैं।

 डिस्क्लेमर

''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्स माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।''

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

घर-घर में पूजी दियाड़ी, सहाड़ा के शक्तिपीठों पर विशेष पूजा अर्चना