हफ्ते के उत्सव का आयोजन करेगा विश्व हिंदू परिषद, तीन एजेंडों पर देगा जोर

 

विश्व हिंदू परिषद (Vishva Hindu Parishad) संगठन के स्थापना दिवस (Foundation Day) को चिह्नित करने के लिए 22 अगस्त से 29 अगस्त तक चलने वाले एक हफ्ते के उत्सव का आयोजन करेगी. विहिप के संयुक्त महासचिव सुरिंदर जैन ने सोमवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मोटे तौर पर हम तीन एजेंडा को कवर करेंगे. सबसे पहले हम कोरोना वायरस के बारे में जागरूकता पैदा करेंगे और जरूरतमंद लोगों की मदद करेंगे.’

उन्होंने आगे कहा, ‘दूसरा, हम रक्षा बंधन और जन्माष्टमी मनाएंगे और विहिप के बारे में जागरूकता फैलाएंगे. तीसरा, हम राम मंदिर, इसके महत्व, संस्कृति, परंपराओं आदि के बारे में जागरूकता फैलाएंगे.’ उन्होंने कहा, ‘विहिप कार्यकर्ता एजेंडे के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर राज्य, जिले, गांव के लोगों के पास जाएंगे. यह देश में महामारी की स्थिति को नियंत्रित करने में मदद करेगा.’ बता दें कि विश्व हिंदू परिषद संगठन 29 अगस्त 1964 को अस्तित्व में आया था.

 

मजबूत और आत्मविश्वासी हिंदू संगठन का ले रहा आकार

विश्व हिंदू परिषद (VHP) की स्थापना 29 अगस्त 1964 को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ पर्व पर भारत की संत शक्ति के आशीर्वाद के साथ हुई थी. VHP का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना, हिंदू धर्म की रक्षा करना और समाज की सेवा करना है. भारत के लाखों गांवों और कस्बों में इस संगठन को एक मजबूत, प्रभावी, स्थायी और लगातार बढ़ते हुए संगठन के रूप में देखा जा रहा है. दुनिया भर में हिंदू गतिविधियों में वृद्धि के साथ, एक मजबूत और आत्मविश्वासी हिंदू संगठन धीरे-धीरे आकार ले रहा है.

स्वास्थ्य, शिक्षा, आत्म-सशक्तिकरण, ग्राम शिक्षा मंदिर आदि के क्षेत्रो में 100000 से अधिक सेवा परियोजनाओं के माध्यम से VHP हिंदू समाज की जड़ो को मजबूत कर रहा है. यह संगठन हिंदू समाज में व्याप्त अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों के उन्मूलन के निरंतर प्रयासों के माध्यम से समाज को विमुक्त और अंतर्निहित हिंदू एकता को पुनर्जाग्रत करने के लिए समाज का कायाकल्प कर रही है.

विहिप अपने मूल मूल्यों, विश्वासों और पवित्र परंपराओं की रक्षा के लिए श्री रामजन्मभूमि, श्री अमरनाथ यात्रा, श्री रामसेतु, श्री गंगा रक्षा, गौ रक्षा, हिंदू मठ-मंदिर मुद्दा, ईसाई चर्च द्वारा हिंदुओं का धर्मांतरण, इस्लामी आतंकवाद, बांग्लादेशी मुस्लिम घुसपैठ जैसे मुद्दों को उठाकर हिंदू समाज की अदम्य शक्ति के रूप में स्वयं को स्थापित कर रही है.

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