रेप के आरोपी पूर्व पादरी से पीड़िता करना चाहती है शादी, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

 


सुप्रीम कोर्ट ने केरल की बलात्कार पीड़िता की उसका यौन उत्पीड़न करने वाले पूर्व पादरी से शादी करने की याचिका को खारिज करने का काम किया है. सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूर्व पादरी की बलात्कार पीड़िता से शादी करने के लिए जमानत मांगने वाली याचिका भी खारिज कर दी.

आपको बता दें कि केरल के कोट्टियूर की एक बलात्कार पीड़िता ने उस व्यक्ति से शादी करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था जिसने उसके साथ दुष्कर्म किया. व्यक्ति अभी 20 साल जेल की सजा काट रहा है. घटना के समय महिला नाबालिग थी और बाद में उसने एक बच्चे को जन्म दिया. उसने पूर्व पादरी को जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया था.

रोबिन वडक्कुमचेरी को 2019 में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) कानून के तहत मामलों की सुनवाई करने वाली अदालत ने दोषी ठहराया था. इसके बाद महिला अपने बयान से पलट गयी और दावा किया कि दोनों के बीच सहमति से संबंध बने थे. केरल हाई कोर्ट ने वडक्कुमचेरी की एक याचिका को ठुकरा दिया जिसमें उसने पीड़िता से शादी करने के लिए जमानत का अनुरोध किया था.

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि निचली अदालत का यह निष्कर्ष कि बलात्कार के समय पीड़िता नाबालिग थी, अब भी लागू है और आरोपी की दोषसिद्धि के खिलाफ अपील अभी भी उसके समक्ष लंबित है. हाई कोर्ट ने कहा था कि निचली अदालत के फैसले के बरकरार रहने पर पक्षकारों को शादी करने की इजाजत देने का मतलब शादी को न्यायिक मंजूरी देना होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने 13 जुलाई 2018 को कोट्टियूर बलात्कार मामले में नाबालिग और तत्कालीन कैथोलिक पादरी से जुड़े आरोपों को ‘‘बहुत गंभीर'' करार दिया था. कोर्ट ने मामले की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. वडक्कुमचेरी के अलावा पुलिस ने तब दो डॉक्टरों और अस्पताल के एक प्रशासक को पॉक्सो कानून के प्रावधानों के तहत अपराध को कथित रूप से छिपाने, नाबालिग बलात्कार पीड़िता के संपर्क में आने के बाद भी पुलिस को इसकी सूचना नहीं देने तथा सबूत नष्ट करने के लिए मामला दर्ज किया था.

पीड़िता ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था और वह उनकी देखरेख में थी.

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