पति-पत्नी के बीच कलह का कारण बनती हैं ये बातें, जानिये क्या कहते है आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र जैसे कई विषयों के विशेषज्ञ थे. उन्होंने आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरीपेशा, व्यापार, मित्रता और दुश्मनी आदि पर बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था, जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते है. उन्होंने अपने चाणक्य नीति में बताया है कि दांपत्य जीवन में कुछ ऐसी बातें है जो तनाव और कलह का कारण बनती है. आइए जानते है आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई बातें... प्रेम और समपर्ण: आचार्य चाणक्य के अनुसार, दांपत्य जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी है प्रेम और समर्पण का होना. इन दोनों चीजों की कमी के कारण पति और पत्नी के रिश्ते में दिक्कतें आनी शुरू हो जाती है. जिसके कारण दोनों के बीच तनाव और कलह बढ़ने लगती है. संवादहीनता: पति और पत्नी के रिश्ते में संवाद का होना बेहद जरूरी होता है. अगर दोनों के बीच संवादहीनता होती है तो रिश्ते में कमजोरी आ जाती है. ऐसे में पति-पत्नी के बीच बातचीत हमेशा जारी रखना जरूरी है. एक-दूसरे के सम्मान का ध्यान: पति-पत्नी एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं, दोनों मिलकर ही एक-दूसरे को पूरा करते हैं. ऐसे में दांपत्य जीवन में आदर और सम्मान होना बेहद जरूरी है. अगर रिश्ते में सम्मान ना हो तो तनाव और कलह की स्थिति पैदा हो सकती है. एक-दूसरे की राय: दांपत्य जीवन को हमेशा खुशहाल बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कार्यों में पति-पत्नी को एक-दूसरे की राय लेना बेहद जरूरी है. ऐसा न करने से रिश्ते के बीच में खटास आ सकती है | ![]() |
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