धर्म वही है जो जोडता है, तोड़ता नही -साध्वी चंदनबाला

 

आसीन्द हलचल।! जिन आगम में जो लिखा हुआ है वह भगवान महावीर की सत्य वाणी है। धर्म वही है जो जोड़ता है, तोड़ता नही। जिनवाणी के प्रति जितनी अधिक श्रद्धा होगी उतनी ही अधिक आत्मा उज्ज्वल होगी। आजकल की दुनिया मे सब जगह स्वार्थ देखने को मिलता है। उक्त विचार तपाचार्य साध्वी जयमाला की सुशिष्या साध्वी चंदनबाला ने व्यक्त किये।

           साध्वी ने कहा कि जीवन मे सदैव शिष्टाचार का पालन करना चाहिए, चरित्र आत्मा का जितना सम्मान करोगे उतनी कर्मो की निर्जरा होगी। जब भी समय मिले स्वाध्याय करो और जिनवाणी सुनो। साध्वी आनन्दप्रभा ने कहा कि शरीर के ईलाज के लिए डाक्टर की जरूरत रहती है उसी तरह मन के ईलाज के लिए चरित्र आत्माओ की आवश्यकता पड़ती है। चरित्र आत्माओं के दर्शन करने, जिनवाणी सुनने से भव भव के बंधन से मुक्त होकर आत्मा वीतराग प्रभु के चरणों मे पहुच जाती है। पूर्व जन्म में अच्छे कार्य किये उसी के परिणाम से यह देह प्राप्त हुई है। जिनवाणी से हर समस्या का समाधान मिलता है। आत्मा को जगाने की जरूरत है, अनादिकाल से पाप की निंद्रा में सो रहे है। तपस्या की कड़ी में 10 उपवास के श्रीमती दीपिका मुकेश देशरडा ने साध्वी से प्रत्याख्यान लिए। बाहर से आये आगन्तुको का संघ ने स्वागत किया।

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