कपड़ा उद्योग में मंदी, नही मिल पा रहा है काम, वापस लौट रहे श्रमिक
भीलवाड़ा (हलचल )।कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट के बाद बड़ी संख्या में यूपी-बिहार के कारीगर रोजगार की तलाश में शहर आए श्रमिक काम नहीं होने के कारण वापस घरों को लौट रहे हैं। अब तक सेकड़ो श्रमिक घरों को जा चुके हैं। कपड़ा उद्योग में मंदी के माहौल को इसकी बड़ी वजह बताया जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के थमने के बाद काम की तलाश में यूपी और बिहार से बड़ी संख्या में श्रमिक भीलवाड़ा आए थे। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के कारण शहर के कपड़ा बाजार में मंदी का माहौल है। तीसरी लहर के डर से कारोबारी धंधे में हाथ नहीं डाल रहे। इस कारण रोजगार की तलाश में यहां आए श्रमिकों को काम नहीं मिल रहा। रोजगार के अभाव में उन्होंने वापस लौटना शुरू कर दिया है। कपडा व्यापारियों का कहना है कि मंदी के कारण काम ही नहीं है। दूसरे राज्यों से काम की तलाश में आए श्रमिक कई दिनों तक शहर में घूमे भी लेकिन कहीं काम नहीं मिला तो वापस लौटने लगे हैं। पिछले एक दशक में यह पहला अवसर है जब काम नहीं होने के कारण श्रमिकों को वापस घरों को लौटना पड़ा है। कारोबारियों के मुताबिक दूसरी लहर कमजोर पडऩे के बाद जो हलचल दिखी थी, उस पर तीसरी लहर की आशंका ने ब्रेक लगा दिया है। ऐसे में शहर में पहले से मौजूद श्रमिकों को ही पूरा काम नहीं मिल रहा। स्थिति यह है कि कभी एक सप्ताह काम चलता है, तो अलगे सप्ताह फिर ब्रेक लग जाता है। लू्म्स कारखाना के एक संचालक ने कहा कि लूम्स कारखाने में भी ग्रे की डिमान्ड नहीं है। इस वजह से श्रमिकों को सप्ताह में एक दो दिन का अवकाश दिया जा रहा है। एक फैक्ट्री मजदूर का कहना है कि उन्हें नियमित रूप से काम नहीं मिल पा रहा है और जो काम मिल रहा है उसकी मजदूरी भी घटा दी गई है ठेकेदारों के तहत काम करने वाले श्रमिकों को अब बदल बदल कर बुलाया जा रहा है 2 दिन कोई और और अगले 2 दिन कोई और मजदूर एक मशीन पर काम कर रहा है ऐसे में उनके सामने खाने पीने का संकट खड़ा होता नजर आ रहा है |
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