चायनीज से इस बार भी दूरी, बाजार सजा रंग बिरंगी राखियों से

 

भीलवाड़ा (विजय/पिंकू)। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार राखी का पर्व को लेकर शहर में राखी की दुकानें और थडिय़ां सज गई है। इस बार चाइनीज राखियां कहीं नजर नहीं आई है। भाई-बहन के स्नेह का त्यौंहार रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा। 
रक्षा बंधन को लेकर बाजार में इस बार रंग-बिरंगी राखियों की ढेर सारी वैरायटी उपलब्ध है। आजाद चौक, बाजार नं. 3, इंदिरा मार्केट और गली मौहल्लों में भी स्टालें सज चुकी है।
 बाजार नं. 3 में स्थित राखी व्यवसायी सुरेश गोयल ने बताया कि इस बार चाइनीज व लाइट वाली राखियां नहीं हैं। हेड मेड राखियों की कई रेंज के साथ चंदन, रुद्राक्ष की राखियों का विशेष आकर्षण है। आजाद चौक के व्यवसायी राकेश ने बताया कि भैया भाभी जोड़ा राखी, भाई भाभीसा राखी, चूड़ा राखी, कुंदन कड़ा राखी, कलकत्ता डिजाइन, कपल राखियां, लुम्बा, कड़े, फैंसी और आकर्षक डोरे, डायमंड, कुंदन, ग्रीटिंग कार्ड और पूजन थालियां आदि राखियां आई है। हरीश ने बताया कि इस बार बहुत सारी डिजाइनों की राखियां आई हैं। इसमें डोरेमोन, पबजी, वड़ापाव, पानी पूड़ी, डोसा, छोटा भीम, शिनचेन, लिटिल सिंघम आदि की राखियां है। बड़ों के लिए स्टोन व कुंदन में, कलकत्ता पैटर्न में पिकॉक डिजाइन, रेशम के धागे, अमरीकन डायमंड आदि राखियों की बिक्री हो रही है।
उधर, हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को यह पर्व मनाया जाता है। लेकिन, इस साल सावन पूर्णिमा दो होंगी। दरअसल, 21 को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि का आरंभ हो रहा है। इसलिए शाम के समय पूर्णिमा तिथि होने से 21 तारीख को भी सावन पूर्णिमा से संबंधित कई शुभ कार्य करना उचित होगा। जबकि 22 अगस्त 2021 को सुबह से ही पूर्णिमा तिथि होने से उदया तिथि के नियम के अनुसार 22 अगस्त को ही पूर्णिमा तिथि का मान होगा और रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त को मनाना ही शास्त्र सम्मत है।
पंडित अरविंद दाधची के अनुसार, रक्षाबंधन पर भद्राकाल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्राकाल और राहुकाल में राखी नहीं बांधी जाती है, क्योंकि इन काल में शुभ कार्य वर्जित है। इस बार राखी पर भद्रा नहीं है, भद्रा काल 23 अगस्त सुबह 05.34 से 06.12 तक होगा और 22 अगस्त को पूरे दिन राखी बंधेगी जा सकेगी। 

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