चारागाह भूमि पर किया बीजारोपण

गंगरार:(हलचल) देवदा ग्राम में चारागाह विकास समिति द्वारा बीजारोपण किया औऱ सीमाज्ञान का प्रस्ताव लिया गया।
फाउंडेशन फ़ॉर इकोलॉजिकल सेक्युरिटी के प्रशिक्षक रामपाल शर्मा सिंघोला ने बताया कि 1950 के बाद चारागाह के प्रति लोगों की उदासीनता बढ़ने से चारागाह पर अतिक्रमण होने लगे और चरागाह समाप्ति के कगार पर आ गये जिसके कारण वनों की कटाई होने लगी ।खेती की जमीनों का विस्तार हुआ औऱ पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है।धरती की नमी कम हो गई जिससे वनस्पति नष्ट हो रही है।वनस्पतियों के नष्ट होने से जीवन खतरे में आ गया है।अगर वनस्पति नहीं बची तो मधुमक्खी, तितली, कंचुवा औऱ किट पतंग नष्ट हो जायेंगे जो फसलों वे सब्जियों फलों की जनन क्रिया में सहायक है ये नहीं होंगे तो उत्पादन बंद हो जायेगा और मनुष्य जाति दस वर्ष में समाप्त हो जायेगी।
शर्मा ने पौधा लगाने का समय, तरीका, स्थान, औऱ स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने के साथ ही गड्ढे खोदने औऱ उसके उपचार का तरीका बताया।सरपंच पप्पू लाल गुर्जर ने शामलात के संसाधन जल,जमीन, जंगल को बचाने, उसके विकास और सवर्धन तथा सुरक्षा की शपथ दिलाई गई।
इस दौरान सभी ने सीमाज्ञान का प्रस्ताव लिया।प्रशिक्षण में उंडवा सरपंच पप्पू लाल गुर्जर, सरपंच  ग्राम दानी देवदा माँगीलाल गुर्जर, वार्डपंच शंकर लाल भँवर लाल नारायणी देवी राजदेवी रमेश सहित ग्रामीणों ने भाग लिया।

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