गर्मी नहीं इस मौसम में वर्कआउ करने से घटता है सबसे ज़्यादा वज़न!

 

  लाइफस्टाइल डेस्क।  जब वज़न घटाना हो, तो डाइट, वर्कआउट, लाइफस्टाइल में बदलाव- इन सभी चीज़ों का अपना अहम रोल होता है। वज़न घटाने के लिए कोई जिम में मेहनत करता है, तो कोई चलने या भागने या ज़ुम्बा की मदद से पसीना बहाता है। हालांकि, इस बारे में कम ही लोग सोचते हैं कि मौसम भी वज़न घटाने में अहम भूमिका निभा सकता है। जी हां, एक ख़ास ऐसा मौसम है जिसमें आप सबसे ज़्यादा कैलोरी घटा सकते हैं।

मौसम और वज़न घटाने में क्या है संबंध

जब शरीर का फैट घटाने की बात आती है, तो सभी को यह लगता है कि ज़्यादा से ज़्यादा कैलोरी घटाने के लिए गर्म तापमान ही बेस्ट होता है। हालांकि, सेल रिपोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित हुए एक नई स्टडी के मुताबिक, ठंडे वातावरण में व्यायाम करने से शरीर की अलग-अलग तापमानों के अनुकूल होने की क्षमता बढ़ सकती है - हाई से लो। साथ ही, यह वसा जलने की क्षमता को बढ़ा सकता है।

कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने ऐसे आठ पुरुषों पर अध्ययन किया, जो ठंड के मौसम के तैराक थे और दो साल की अवधि के लिए तैरने के बाद सौना सत्र के लिए गए थे और तैराकों के एक अन्य समूह ने तापमान-विशिष्ट परिदृश्यों का विकल्प चुना था।

शोध के परिणामों से यह साबित हुआ कि ठंडे मौसम के तैराक अपने वातावरण में तापमान परिवर्तन के अनुकूल होने में बेहतर थे। लोगों के इस ग्रुप के तीन मिनट की अवधि के लिए ठंडे पानी के संपर्क में आने पर ब्लड प्रेशर और पल्स कुछ बढ़ी हुई दिखीं। यह भी पता चला कि ठंड के मौसम में तैराकों में ब्राउन फैट का बेहतर सक्रियण होता है - एक विशेष प्रकार की शरीर वसा जो शरीर के ठंडा होने पर सक्रिय होती है। यह ठंड की स्थिति में शरीर के तापमान को बनाए रखने में मदद करता है।

अधिक गर्मी के कारण, सर्दियों के तैराकों ने ठंडा होने के दौरान अधिक कैलोरी बर्न की। ब्राउन फैट से सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि, 2021 में नेचर मेडिसिन में प्रकाशित हुई एक स्टडी में पाया गया कि जिन लोगों में ब्राउन फैट की मात्रा अधिक होती है, उनमें दिल से जुड़ी बीमारियां, कोरोनरी आर्ट्री बीमारी, टाइप-2 डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन का ख़तरा भी कम हो जाता है।

Disclaimer:लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

 

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

डॉक्टरों ने ऑपरेशन के जरिये कटा हुआ हाथ जोड़ा