एनएसयूआई में ठेकाकर्मियों की लापरवाही, एक बच्ची की जलने से मौत, बालक झुलसा

 


भीलवाड़ा (विजय / प्रहलाद)। महात्मा गांधी अस्पताल परिसर स्थित एमसीएच में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से विशिष्ट नवजात शिशु देखभाल इकाई में 21 दिन की बालिका की जल जाने से मौत हो गई जबकि उसी वार्म पर एक अन्य बालक झुलस गया है जिसकी हालत भी गंभीर बताई गई है। बालिका की मौत के लिए जिम्मेदार माने गए दो ठेकाकर्मियों की सेवाएं समाप्त किए जाने के साथ ही चार चिकित्सकों की एक टीम बना दी गई है जो तीन में जांच रिपोर्ट देगी। 
जानकारी के अनुसार महात्मा गांधी अस्पताल परिसर स्थित एमसीएच में चित्तौडग़ढ़ जिले के मरमी ग्राम निवासी पप्पू वैष्णव की 21 दिन की बालिका को कम वेट के कारण विशिष्ट नवजात शिशु देखभाल (एनआईसीयू) में भर्ती कराया गया था जहां कल रात तीन बजे स्टाफ की लापरवाही से इस बच्ची की वार्म में अधिक हिट होने के कारण मौत हो गई जबकि एक अन्य बालक गंभीर रूप से झुलस गया। बालक की भुआ सम्पत ने बताया कि रात को तीन बजे जब वह बच्चे को दूध पिलाने गई तो एक बच्चा नहीं था और उनका बच्चा भी तीन चार जगह से जला हुआ था। इसकी बात की जानकारी ड्यूटी स्टाफ को दी तो बच्चे की देखभाल की गई। 
उधर मृतक बालिका के पिता पप्पू वैष्णव ने आरोप लगाया कि रात्रिकालीन अस्पताल के स्टाफ ने लापरवाही बरती है। इसके कारण यह हादसा हुआ है और उसे अपनी बेटी से हाथ धोना पड़ा है। मृत बालिका के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवाया गया लेकिन परिजनों को अस्पताल स्टाफ द्वारा समझाने पर वे शव को बिना पोस्टमार्टम के ही ले गये। लेकिन इस बात को लेकर वहां हंगामा भी हुआ है। डीसी देवकिशन सरगरा ने इस संबंध में कहा कि बालिका की जलने से मौत हुई लेकिन यह जांच का विषय है। इसकी जांच करवाई जाएगी। 
इस संबंध में जब महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने हलचल से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि प्रारंभिक दृष्टि से स्टाफ की लापरवाही सामने आई है। रात्रि को दो ठेके के कर्मचारी लगे हुए थे उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है। वहीं पूरे मामले की जांच के लिए चार चिकित्सकों की कमेटी का गठन किया गया है जो तीन दिन में रिपोर्ट देंगे। अगर कोई दोषी पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
गंभीर नवजातों की देखरेख भी कर रहे है ठेके के कर्मचारी
महात्मा गांधी अस्पताल के एमसीएच में विशिष्ट नवजात शिशु देखभाल (एनआईसीयू) जैसे वार्ड में गंभीर नवजात शिशुओं का उपचार किया जाता है लेकिन इस वार्ड में अस्पताल स्टाफ को नहीं लगाकर प्लेसमेंट (ठेकाकर्मी) नर्सेज कर्मचारी लगा रखे है और यही वजह रही कि उन्होंने लारवाही बरती और एक मासूम की जान बचने की जगह चली गई। अस्पताल में इस तरह की कई जगह समस्या देखने को मिलती है लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता। 

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