अस्पताल में 2 बच्चों की मौत के मामले की जांच के लिए पहुंचे संयुक्त निदेशक कहा दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

 

भीलवाड़ा (विजय प्रहलाद) महात्मा गांधी अस्पताल में दो बच्चों की जलने से हुई मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए आज चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ इंद्रजीत सिंह ने अजमेर से भीलवाड़ा पहुंचकर अस्पताल का जायजा लिया और कहां की जांच कमेटी बैठा दी गई है जो भी दोषी होगा उसे सजा मिलेगी ।
महात्मा गांधी अस्पताल के  एनआईसीयू में 2 दिन पहले एक बालिका की और बीती रात को एक बच्चे की अत्याधिक वार्मिंग के चलते जलने से मौत हो गई थी इस मामले  को लेकर कुछ संगठनों ने प्रदर्शन भी किया, मामले को गंभीरता से लेते हुए अजमेर से चिकित्सा विभाग के संयुक्त निदेशक इंद्रजीत सिंह आज भीलवाड़ा पहुंचे और उन्होंने महात्मा गांधी अस्पताल का जायजा लिया है। जायजा लेने के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए संयुक्त निदेशक इंद्रजीत सिंह ने कहा कि मामले में जिसकी भी लापरवाही होगी, जांच रिपोर्ट आने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने प्रारंभिक तौर पर घटना के बारे में कहा कि वार्ड में भर्ती बच्चे के शरीर से सेंसर हट जाने के कारण यह दुर्घटना हुई है लेकिन इसमें किसकी लापरवाही रही यह जांच का विषय और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लेबर रूम में बच्चों के जन्म पर मिठाई के नाम पर शुल्क वसूला जाता है इसकी जानकारी उन्हें भी मिली है लेकिन वह वहां का दौरा कर वास्तविकता का पता लगाएंगे ।इस संबंध में कल दो बच्चों की मौत के दौरान एक युवक ने भी लेबर रूम में ₹1000 लेने का आरोप मीडिया के सामने लगाया था जबकि कुछ दिन पहले ही स्टेट लेवल के अखबार ने भी इस तरह की खबर उठाई थी।

कार्रवाई नहीं हुई तो भाजपा कराएगी मुकदमा दर्ज तेली 

भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली ने दो बच्चों की मौत को गंभीर मामला बताते हुए कहा कि  इसमें अस्पताल स्टाफ की लापरवाही रही है और दोषी नर्सेज और डॉक्टरों के खिलाफ अगर कार्रवाई नहीं होती है तो भाजपा अपनी ओर से अपराधिक मामला दर्ज करवाएगी ।उन्होंने आरोप लगाया की वार्ड में अप्रशिक्षित नर्सेजकर्मी बच्चों की देखरेख के लिए लगाए हुए हैं जिससे ये दुर्घटना हुई है।

प्रशिक्षित ही थे नर्सेज कर्मी बोले अधीक्षक डॉक्टर गोड

महात्मा गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण गॉड ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया कि अस्पताल मैं संविदा पर लगे कर्मचारी अप्रशिक्षित है उन्होंने कहा कि एनआईसीयू में लगाए गए कर्मचारियों को 15 दिन का अधिकारी प्रशिक्षण दिया गया था और उन्हें अधिकृत कर्मचारियों के साथ तैनात कर काम लिया जा रहा था उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों कर्मचारियों को हटा दिया गया है और शार्ट किसको की एक कमेटी का गठन किया गया है इस कमेटी की आजकल में रिपोर्ट आते ही उस पर कार्रवाई की जाएगी जो इस मामले में दोषी पाए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी अस्पताल के एमसीएच रिंग मैं एनआईसीयू में भर्ती दो मासूम बालकों की 2 दिन में जलने के कारण मौत हो गई थी। इसे लेकर परिजनों और कुछ संगठनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया और चेतावनी भी दी है कि अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो 31 अक्टूबर को भीलवाड़ा बंद कराया जाएगा।

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