लायंस क्लब इंटरनेशनल के पूर्व प्रांतपाल पर एफआईआर,30. 27 लाख रुपये क्लब राशि के गबन का आरोप, पुलिस जुटी जांच में

 


 भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल । लायंस क्लब इंटरनेशनल के पूर्व प्रांतपाल अविनाश शर्मा पर अपने कार्यकाल में क्लब की 30 लाख 27 हजार 856 रुपये की राशि का गबन करने के आरोप लगे हैं।   वर्तमान प्रांत पाल ने शर्मा पर यह आरोप प्रताप नगर थाने में दर्ज करवाई रिपोर्ट में लगाये हैं। पुलिस इन आरोपों की जांच कर रही है। 
प्रतापनगर पुलिस के अनुसार, नवकार ग्रीन, कांचीपुरम निवासी व लॉयंस क्लब इंटरनेशल के प्रांतपाल लॉयन दिलीपकुमार तोषनीवाल ने  क्लब के पूर्व प्रांतपात हाउसिंग  बोर्ड कॉलोनी, अकराभट्टा आबूरोड़ निवासी अविनाश पुत्र हेमचंद्र शर्मा के खिलाफ डीएसपी सिटी नरेंद्र दायमा को शिकायत दी। डीएसपी के आदेश से प्रतापनगर पुलिस ने अविनाश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि  परिवादी तोषनीवाल लायन्स क्लब इंटरनेशनल का सदस्य होकर वर्तमान में लायन्स क्लब इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट 3233-एफ2 का वर्ष 2022-23 (01.07.2022 से 30.06.2023) के लिये प्रांतपाल निर्वाचित हुआ है। इनके डिस्ट्रिक्ट का कार्यक्षेत्र भीलवाड़ा, उदयपुर. आबूरोड एवं अन्य जिलो में भी है जिसका वर्तमान कार्यालय-ओम टॉवर, पुर रोड़, भीलवाडा है।  संस्था लॉयन्स क्लब का संचालन लॉयन्स क्लब इंटरनेशनल द्वारा किया जाता है तथा लगभग 209 देशो में इसकी उपस्थिति है. जिसका मुख्य उदेश्य मानव सेवा करना है ।  संस्था के सदस्यों से प्राप्त धन को जन सेवा में  मेडिकल, चिकित्सा केम्प, शिक्षा क्षेत्र में शिक्षको को प्रशिक्षण देने के लिए, शुगर कंट्रोल करने  इत्यादि पर  खर्च करना है। 

492 क्लब सदस्यों से 41.10 लाख प्राप्त किये, बताये 30.11 लाख  
तोषनीवाल ने रिपोर्ट में आरोप लगाया कि पूर्व प्रांतपाल  अरविन्द शर्मा  ने अपने कार्यकाल 2019-20 के दौरान आय-व्यय की लेखा बहियों को क्लब के संविधान अनुसार 60 दिवस में सदस्यों को सरक्युलेट नही की गई है न ही डिस्ट्रिक्ट कन्वेन्शन 2020-21 में हिसाब किताब को पास करवाया है। शर्मा ने वर्ष 2019-20 के आय-व्यय के संबंधित दस्तावेज भी संस्था के पटल पर नही रखे है और काफी वित्तीय अनियमितताएँ की है। प्रथमदृष्टया क्लब के सदस्यों से जो राशियों प्राप्त की जाती है उन सभी राशियों को आरोपित शर्मा द्वारा क्लब के हिसाब में नही बताया है। इस प्रकार कुल 492 सदस्यों से 41.10,000 रूपये शर्मा द्वारा प्राप्त किये गये है, परन्तु उसने  वर्ष 2019-20 की जो ऑडिट रिपोर्ट कराई  उसमें सदस्यों का अंशदान मात्र 30.11.250 रूपये की बताया है। इस प्रकार आरोपित शर्मा द्वारा 10,98,750 /- रूपये की राशि क्लब की होते हुये भी स्वयं के उपयोग में ले ली है और क्लब में जमा नही करवाई है और  10.98.750/- रूपये का गबन किया है।

बिना खर्च पर आश्रम में हुई थी मीटिंग, बता दिया 7.39 लाख रुपये का खर्च
इसी तरह वर्ष 2019-20 की ऑडिट रिपोर्ट में ब्रह्मकुमारी आश्रम आबूरोड के यहाँ डिस्ट्रिक्ट केबिनेट इन्सटॉलेशन के लिये खर्च किये गये रूपये 4.97.438  रूपये एवं प्रिसीडेन्ट, सैकेटरी, ट्रेजरर की ट्रेनिंग के लिये खर्च किये गये रूपये 2.41.580/- रूपये बताये है । इस प्रकार कुल खर्च 7,39,018 रूपये खर्च करना बताया है, जबकि डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट इंस्टॉलेशन व प्रेसीडेन्ट, सेक्रेटरी ट्रेजरर की मीटिंग ब्रह्मकुमारी आश्रम, आबू रोड में की गई थी ।  ब्रह्माकुमारी आश्रम में यदि  पूर्व अनुमति लेकर कार्यक्रम किया जाता है, तो उसके लिये  कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। चूकिं ब्रह्मकुमारी आश्रम द्वारा कोई राशि नहीं ली जाती है इस कारण ब्रह्मकुमारी आश्रम द्वारा कोई रसीद भी जारी नही की जाती है। परन्तु आरोपित शर्मा द्वारा इस संबंध में दस्तावेजात की कुटरचना कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर ऑडिट रिपोर्ट में 7.39,018 रूपये खर्च करना बताया है जो वास्तविक तौर पर खर्च ही नहीं हुये है । शर्मा द्वारा उक्त राशि 7.39,018 /- रूपये हडप कर ली ।

कोविड काल में पीपीई कीट व सैनेटाइजर की खरीद में भी गड़बड़ी
उधर, क्लब की ओर से कोविड-19 के दौरान सहायतार्थ एवं मेडिकल उपकरण, दवाईयों इत्यादि का वितरण अभियान चलाया गया। ै जिस मद के पेटे आरोपित द्वारा 7,60,500  रूपये पीपीई किट्स, मास्क एवं सैनेटाईजर की खरीद के लिए एवं रूपये 8,17,395  रूपये मेडिकल की सप्लाई के लिए बताये गये है । इस संबंध में आरोपित ने क्लब को मात्र 8,56,813  रूपये के ही बिल उपलब्ध कराये है।  शेष राशि के किसी प्रकार के बिल उपलब्ध नही कराये । साथ ही उपलब्ध बिल भी आरोपित द्वारा अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर कुटरचित तौर पर तैयार किये गये है जिसका कारण यह है कि आरोपित द्वारा जिस दर पर पीपीई किट्स, मास्क एवं सैनेटाईजर खरीदना बताया है उसी समयावधि के दौरान उससे अत्यधिक कम दर पर भीलवाडा में ही अन्य लॉयन्स सदस्यों द्वारा पीपीई किट्स, मास्क एवं सैनेटाईजर वितरित किये गये है।  जिससे स्पष्ट है कि आरोपित शर्मा द्वारा जानबूझकर ऊँची दर पर पीपीई किट खरीद करना बताया है जबकि वास्तविक तौर पर उस दर से काफी कम दर पर बाजार में पीपीई किट्स, मास्क एवं सैनेटाईजर बाजार में उपलब्ध थे। शर्मा ने 750 रूपये प्रति पीपीई किट की दर से खरीद करना बताया है जबकि उसी समयावधि में 300 रूपये प्रति किट की दर से पीपीई किट् बाजार में उपलब्ध थे। इसी प्रकार   सैनेटाईजर एवं मास्क भी ऊँची दरो पर खरीद किये गये है जिसके बिल भी शर्मा द्वारा क्लब में प्रस्तुत नही किये गये है । आरोपित द्वारा अपनी ऑडिट रिपोर्ट में 15.77.895 रूपये का झूठा, फर्जी बनावटी धोखा देने की नियत से अपने अंकेक्षण में बताया है ा इसमें उनकी चार्टेटेड एकाउन्टेन्ट तथा अन्य लॉयन सदस्यो के द्वारा बगैर बिल वाउचर दस्तावेजो का अंकेक्षण कराये हैं जबकि वास्तव में मात्र 856,813 रूपये के ही बिल वाउचर प्रस्तुत किये गये है।

कुल 30 लाख 27 हजार रुपये का गबन  
वहीं, पब्लिकेशन, प्रिन्टींग एण्ड स्टेशनरी के मद में 11,54,006  पये अपने अंकेक्षित खातो में बताये है जिसमें डिस्ट्रिक्ट डायेक्टरी प्रिन्टींग 4.10.000 रूपये, न्यूज लेटर प्रिन्टींग 3.00.000 रूपये, अन्य पब्लिकेशन 3.26.000 रूपये एवं प्रिन्टींग एवं स्टेशनरी 1.17.396 /- रूपये की मद में बताये है जबकि 2019-20 के कार्यकाल में दौरान कोविड-19 चरम सीमा पर होने के कारण कई न्यूज लेटर आरोपित  के कार्यालय से जारी ही नही किये गये है।  आरोप है कि शर्मा द्वारा डिस्ट्रिक्ट डिस्प्युट रिजॉल्यूशन कमेटी के समक्ष भी उक्त गबन की गई राशियों के संबंध मे किसी प्रकार के वैध बिल वाउचर भी प्रस्तुत नही किये गये है जिससे की उनका पुन: वेरिफिकेशन भी नही हो पाया है जो आरोपित द्वारा क्लब के साथ धोखाधडी करने की नियत से किया गया है।  और क्लब की राशि को हडप करने की गरज से ही फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेजो की रचना की गई है तथा फर्जी एवं कूटरचित अंकेक्षण रिपोर्ट तैयार की गई है जिसमें अभियुक्त अविनाश शर्मा के साथ उसके कार्यकाल में अन्य लॉयन कार्यकारिणी सदस्य, चार्टेट एकाउन्टेन्ट, प्रिन्टर पब्लिशर मेडिकल सप्लायर्स इत्यादि भी शामिल है। उधर, वर्तमान प्रांतपाल तोषनीवाल ने हलचल को बताया कि इस प्रकार आरोपित शर्मा ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर क्लब की करीब 30 लाख 27 हजार 852 रुपये की राशि को हड़प कर गबन किया है। उधर, पुलिस ने मामला दर्ज कर इन आरोपों की जांच शुरु कर दी। 

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