गुरलाँ में महिलाओं ने गोवर्धन पूजा की, मन्दिरों मे अन्नकूट आज

 


गुरला बद्री लाल माली | गुरलाँ  गाँव में गोवर्धन पूजा का महत्व ज्यादा हैं घरों के बाहर गोबर के गोवर्धन बनाया जाता है और उसकी रिति रिवाज से पुजा की जाती है व गायों की भी पुजा की जाती है
गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है। अन्नकूट को दिवाली के ठीक अगले दिन मनाते हैं। लेकिन इस साल सूर्यग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसी दिन भाईदूज का भी त्योहार मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजा की विधि गोवर्धन पूजा करने के लिए आप सबसे पहले घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएं। इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें। कहा जाता है कि इस दिन विधि विधान से सच्चे दिल से गोवर्धन भगवान की पूजा करने से सालभर भगवान श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है। गोवर्धन पूजा से जुड़ी पौराणिक कथा मान्यता यह है कि ब्रजवासियों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति से विशाल गोवर्धन पर्वत को छोटी उंगली में उठाकर हजारों जीव-जतुंओं और इंसानी जिंदगियों को भगवान इंद्र के कोप से बचाया था। श्रीकृष्‍ण ने इन्‍द्र के घमंड को चूर-चूर कर गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी। इस दिन लोग अपने घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन बनाते हैं। कुछ लोग गाय के गोबर से गोवर्धन का पर्वत मनाकर उसे पूजते हैं तो कुछ गाय के गोबर से गोवर्धन भगवान को जमीन पर बनाते हैं। कंचन सेन,रेखा सेन,मीरा सेन, मधु सेन, उषा पायल आदि महिला ने पुजा की

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

पुलिस चौकी पर पथराव, बैरिक में दुबक कर खुद को बचाया पुलिस वालों ने, दो आरोपित शांतिभंग में गिरफ्तार, एक भागा

टोमेटो फ्री यूथ कैंपेन कार्य योजना के तहत निकाली रैली

एक और सूने मकान के चोरों ने चटकाये ताले, नकदी, गहने व बाइक ले उड़े, दहशत

अग्रवाल के महामंत्री बनने के बाद पहली बार जहाजपुर आगमन पर होगा स्वागत

वैष्णव जिला सहसचिव मनोनीत

अस्सी साल की महिला को बेटे बहू डायन कहकर कर रहे हैं प्रताडि़त, केस दर्ज