सब इंस्पेक्टर को विभागीय जांच में सुनाई सजा के खिलाफ अपील करना महंगा पड़ा, पांच साल तक प्रमोशन पर रोक

 


उदयपुर.  जिले के तत्कालीन सायरा थाना प्रभारी यशवंत सोलंकी को विभागीय जांच में आईजी की ओर से सुनाई गई सजा के खिलाफ अपील करना महंगा पड़ा गया है। डीजीपी ने आरोपी थाना प्रभारी की अपील खारिजकर सजा का दायरा और बढ़ा दिया। आईजी ने जहां पहले दो साल प्रमोशन रोका था, लेकिन अब वेतन भी कमकर पांच साल तक प्रमोशन पर रोक लगा दी गई है। यह मामला डोडाचूरा तस्करी के मामले में मुख्य आरोपी को घूस लेकर छोड़ने का है। सोलंकी वर्तमान में चितौड़गढ़ जिले के निकुंभ थाने में SHO है।

दरअसल, सब इंस्पेक्टर यशवंत सोलंकी ने उदयपुर जिले के सायरा में थाना प्रभारी रहते हुए जुलाई 2019 को नाकाबंदी के दौरान बरवाड़ा के पास एक जीप का पीछा कर नौ बोरों में डोडा चूरा पकड़ा। तब आरोपी वहां से भाग निकले थे। इसके बाद सोलंकी प्राइवेट वाहन से थाने के कुछ पुलिसकर्मियों को साथ लेकर उच्च अधिकारियों को बताए बिना मुख्यालय छोड़कर चित्तौड़ जिले के मंगलवाड़ पहुंच गए। वहां से जीप में सवार मुकेश मेनारिया को तस्करी में संलिप्त होना बताकर जबरन अपने साथ सायरा थाने ले आए।

रोजनामचे में भी घटनाक्रम के हालात दर्ज नहीं किए। इसके बाद सोलंकी ने मुकेश मेनारिया को छोड़ने के लिए 25 लाख रूपए की मांग की। सौदा 18 लाख रूपए में हो गया। थानाधिकारी सोलंकी ने मेनारिया के पिता अम्बालाल और बद्रीलाल से अपने परिचित किशन मेघवाल को उदयपुर के फतेहपुरा में 16 जुलाई को 18 लाख रूपए दिलवा दिए। इसके बाद मुकेश मेनारिया को थाने से छोड़ा।

थाने से छूटने के बाद मुकेश मेनारिया ने पुलिस जिला मुख्यालय पर परिवाद पेश किया। मामले की जांच एएसपी मुख्यालय ने की। जांच में सोलंकी द्वारा गलत तथ्य अंकित कर रोजनामचे में गलत प्रविष्टि करने और 18 लाख रुपए लेकर मेनारिया को छोड़ने के आरोप प्रमाणित पाए गए। इस जांच के आधार पर पुलिस महानिरीक्षक उदयपुर रेंज ने 15 फरवरी 2021 को सोलंकी को दो वार्षिक वेतन वृद्धि बिना भविष्य प्रभाव के अवरूद्ध करने की सजा सुनाई।

 बढ़ी सजा
उदयपुर आईजी के आदेश के खिलाफ थाना प्रभारी सोलंकी ने डीजीपी के यहां अपील की। अपील के बाद डीजीपी ने 12 अगस्त 2021 को 30 सीसीए का नोटिस भेजकर जवाब मांगा। महानिदेशक लाठर ने माना कि सोलंकी की ओर से दिया गया स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं है। इस पर अपील खारिज करते हुए वर्तमान में देय वेतनमान को कम करते हुए सब इंस्पेक्टर पद के न्यूनतम वेतनमान पर पांच वर्ष के लिए स्थिर रखने का आदेश दिया। इस दौरान सोलंकी की वार्षिक वेतनवृद्वि भी नहीं होगी।

  निकुंभ थाने में है सोलंकी

सोलंकी वर्तमान में चितौड़गढ़ के निकुंभ थाने में  है। उदयपुर-चितौड़गढ बॉर्डर पर ही यह थाना है। जो डोड़ा-चुरा तस्करी की कार्रवाई के लिए जाना जाता है। चितौड़गढ़ एसपी राजन दुष्यंत का कहना है कि डीजीपी के आदेशों की पालना में बड़ी सादड़ी वृताधिकारी को निर्देश दे दिए हैं। डीजीपी के आदेश भेज दिए है और पूरी पालना होगी।

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