एनजीटी के निर्देश पर कोठारी नदी का लिया जायजा, जगह-जगह मिले अतिक्रमण, गंदगी के ढेर, कलेक्टर ने कहा योजना बनाकर करेंगे काम

 


भीलवाड़ा (हलचल)। एनजीटी के निर्देश पर आज जिला कलक्टर आशीष मोदी ने प्रशासनिक लवाजमें के साथ कोठारी नदी का जायजा लिया। जायजे के बाद कलक्टर मोदी ने कहा कि नदी के अतिक्रमण, गंदगी आदि कार्यों के लिए एक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। 
एनजीटी के निर्देश के तीन माह बाद मंगलवार को जिला कलक्टर आशीष मोदी, एसडीएम डॉ.पूजा सक्‍सेना, नगर विकास न्यास आयुक्त अजय कुमार आर्य, नगर परिषद आयुक्त दुर्गा कुमारी, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी विनय कट्टा के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारी 10.39 पर जायजा लेने के लिए रवाना हुए। जायजे की शुरूआत जोधड़ास ओवरब्रिज से की। बाद में पालड़ी पुलिया, केशर पोरवाल के निकट की पुलिया, सांगानेर और टंचिंग ग्राउण्ड क्षेत्र का जायजा लिया। कोठारी नदी की समस्याओं को पीपुल्स फॉर एनीमल्स के प्रभारी बाबूलाल जाजू ने उठाते हुए नदी क्षेत्र में हो रहे अतिक्रमण, अवैध निर्माण, जगह-जगह नगर परिषद द्वारा डाले गये कचरे के ढेर दिखाते हुए कार्रवाई की मांग की। नदी क्षेत्र में हो रहे अंधाधुंध मिट्टी दोहन का मुद्दा भी उठाया तो नदी में फैंका जा रहा मेडिकल वेस्ट भी दिखाया। बाबूलाल जाजू ने जिला कलक्टर को एक पत्र भी दिया है जिसमें मांग की गई है कि कोठारी नदी के सीमांकन क्षेत्र में नगर विकास न्यास द्वारा आवंटित भूखण्डों के मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशों के विरूद्ध यह आवंटन किया गया है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाय कि इस क्षेत्र में किसी भी तरह का आवंटन न हो। 
इसके अलावा उन्होंने एक अन्य पत्र भी दिया गया जिसमें ग्यारह सूत्रीय मांगे दी गई। इनमें कोठारी नदी के किनारे पर कच्चा व पक्का अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है जिसे हटवाया जाये, कोठारी नदी के पुराने रिकॉर्ड के हिसाब से सीमांकन करवाया जाये, कोठारी नदी के उत्थान के लिए एक सक्षम अधिकारी नियुक्त किया जाय जो अवैध निर्माण और नदी में होने वाली अवैध गतिविधियों को रोके और इसकी जवाबदेही भी तय की जाये। उन्होंने एक महत्वपूर्ण मुद्दा भी उठाया जिसमें नगर परिषद द्वारा बार-बार यह कहा जाता रहा है कि शहर से उठाये जाने वाला कचरा टंचिंग ग्राउण्ड में ही ले जाया जाता है लेकिन कोठारी नदी इसकी गवाह है। वहां शहर के कचरे के ढेर लगे हुए है। यही नहीं शहर के निर्माण सामग्री का मलबा, सब्जी व कृषि मण्डी का कचरा भी कोठारी नदी में डाला जा रहा है। नदी में अंग्रेजी बबूल को हटवाया जाये और दोनों ओर सौ-सौ फिट का लेवल समतल करवाकर सीमेंट के पोल और जाली लगवाया जाये । इसी के साथ ही पौधारोपण की मांग भी रखी है। 
एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा भी उन्होंने उठाया जिसमें शहर की विभिन्न कॉलोनियों का सीवरेज का पानी नदी में जाने से पूर्ण रूप से रोका जाये। साथ ही नगर विकास न्यास नदी के सीमांकन क्षेत्र में पौधारोपण के अलावा कोई निर्माण कार्य नहीं करे। साथ ही नदी के किनारे स्थित सामुदायिक भवनों की गंदगी पत्तल दोने व अन्य खाद्य सामग्री नदी में न डालने का कदम उठाने की मांग की है।
लगभग 12.20 बजे तक चले इस दौरे के दौरान जिला कलक्टर आशीष मोदी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नदी क्षेत्र के विकास के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की जाएगी। जिससे अतिक्रमण, अवैध निर्माण न हो और मलबा न डाला जाये आदि के प्रयास किये जायेंगे।

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