शाहपुरा में प्लास्टिक पॉलिथीन का ढेर,गोवंश निगल रही पॉलिथीन,प्लास्टिक पर्यावरण के साथ गोवंश के लिए अभिशाप

 


शाहपुरा (किशन वैष्णव) । कस्बे के सिद्धार्थ सेकंडरी विद्यालय के सामने अथाह कचरे का ढेर लगा हुआ है जो बदबू मारने के साथ ही गोवंश की जान का दुश्मन बना हुआ है।कामधेनु सेना के जिलाध्यक्ष नारायण लाल कुमावत ने बताया की उन्होंने वहा कही गौवंश को प्लास्टिक की पॉलिथीन निगलते देखा है जो उनकी जान ले सकती है सवाल यह है की जब प्लास्टिक पर सरकारी पाबंदी होने के बाद भी आमजन जागरूक नही हो पा रहे हैं तथा प्रशासनिक अधिकारी भी मूक दर्शक बन बैठे हैं।कुमावत ने शाहपुरा नगरपालिका पर आरोप लगाया है की लंंपी वायरस में भी शाहपुरा पालिका द्वारा कोई व्यवस्था नही है जिससे कही गौवंश दम तोड़ चुके हैं।नरगर पालिका जल्द ही गौवंश की सुरक्षा व इलाज की व्यवस्था करे नही तो गौ आंदोलन होगा।

क्षेत्र में हो रहा सरेआम प्लास्टिक का उपयोग कोई पाबंदी नही

सरकार द्वारा प्लास्टिक पॉलिथीन बंद करने की मुहिम ने भी गुटने टेक दिए अभी भी जनता ने पॉलिथीन का उपयोग करना व दुकानदारों ने पॉलिथीन देना नही छोड़ा है गांवों सहित शहरों में हजारों कचरे के ढेर में प्लास्टिक पॉलिथीन देखी जा रही है लेकिन कोई पाबंदी नही और प्रशासन द्वारा सरकारी मुहिम को भी ठेंगा दिखा दिया गया है किसी प्रकार की कार्यवाही नही की जा रही है।

पॉलिथीन निगल रही है गोवंश,हम खुद कर रहे हैं गोवंश की हत्या

आमजन को गोवंश की जान बचाना चाहिए आमजन की गलती की वजह से गोवंश पॉलिथीन निगल रही है तथा गौवंश उससे बीमार हो कर दम भी तोड़ देती है इस प्रकार आमजन अगर पॉलिथीन का उपयोग करेगा और कचरे के ढेर में सार्वजनिक जगह पर फेकेगा तो उसे गौवंश निगलेगी और बीमार होकर मर जायेगी आमजन को जागरूक होना चाहिए।बाजार से सामग्री खरीदें तो अपने घर से  कपड़े का ठेला ले कर जाए और प्लास्टिक का उपयोग न करे।प्लास्टिक का कचरा पर्यावरण के साथ मवेशियों के लिए अभिशाप बन गया है। फेंकी गई पॉलीथीन जमीन को बंजर बनाने के साथ गोवंश को बीमार कर रही है।देखा गया की ज्यादातर गाय पॉलीथीन खाने से बीमार हैं। गाय खाना पीना छोड़ देती है और उनकी मौत हो जाती है।रही है। जांच में गायों के पेट में पॉलीथीन पाए जाने के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं। बच्चों के डाइपर भी गोवंश के लिए अभिशाप बन रहे हैं।महिलाएं बच्चों को डाइपर का इस्तेमाल कराने के बाद यू ही फेंक देती है। चिकित्सकों के मुताबिक डाइपर में जमा यूरीन उसमें मौजूद केमिकल की वजह से जैल में परिवर्तित हो जाता है। जिसे बेसहारा पशु निगल जाते है। 

पॉलीथिन के प्रयोग पर नहीं लग सकी लगाम

प्लास्टिक की थैलियां का प्रयोग नुकसान दायक है। यह जानते हुए भी धड़ल्ले से इनका इस्तेमाल हो रहा है। प्रदेश सरकार ने पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगा दिया,बावजूद इसके जिले में पॉलिथीन का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है।प्लास्टिक बैग से घट रही गायों की उम्रघर का बचा हुआ खाना और खाद्य पदार्थ पॉलिथीन में बांध कर कूड़ेदान में फेंक देते है और भोजन खोजने वाली गाएं उसे प्लास्टिक के साथ खा लेती हैं। धीरे-धीरे उनके पेट में प्लास्टिक कचरा एकत्र हो जाता है।अधिकतर गोवंश कमजोरी से खाना पीना छोड़ देती है और मार जाती इसका यही कारण है की कूड़ेदान में भोजन की तलाश में आने वाले गोवंश खाद्य पदार्थ के साथ प्लास्टिक बैग खा जाती हैं।धीरे धीरे उनके पेट में प्लास्टिक कचरा जमा होता जाता है। उनका पाचन तंत्र बिगड़ने लगता है।गायों को कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियां हो जाती है और समय से पहले उनकी मौत हो जाती है।

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

घर-घर में पूजी दियाड़ी, सहाड़ा के शक्तिपीठों पर विशेष पूजा अर्चना