गणेश उत्सव में लगाएं भगवान गणेश को इन 5 चीजों का भोग, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

 

भाद्रपाद मास भगवान गणेश के पूजन को समर्पित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था, इस दिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। भाद्रपद माह में गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक 10 दिन पूरी तरह भगवान गणेश के पूजन को समर्पित होते हैं। भगवान गणेश के भक्त इस दौरान अपने घरों और पूजा पण्डालों में गणेश प्रतिमा की स्थापना कर, विधिपूर्वक पूजन करते हैं। गणेश उत्सव का ये समय भगवान गणेश का पूजन कर उन्हें प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम काल माना गया है। आइए जानते हैं इस दौरान भगवान गणेश को प्रसन्न करने वाले भोग के बारे में....

1-दूर्वा घास – दूर्वा घास भगवन गणेश को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल और उत्तम उपाय है। भगवान गणेश के पूजन में दूर्वा जरूर चढ़ानी चाहिए। दूर्वा के उपरी हिस्से की तीन या पांच पत्तियां अर्पित करने से भगवान गणेश सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।

2-मोदक – मोदक या मोतीचूर के लड्डू भगवान गणेश को सबसे ज्यादा प्रिय हैं। गणेश पूजन में भक्त गजानन को तरह-तरह के मोदक और लड्डू का भोग लगाते हैं। इसके अतिरिक्त भगवान गणेश को पीले रंग की मिठाई या घी और गुण का भोग लगाना मनोवाछिंत फल प्रदान करता है।

3- लाल-पीले फूल – भगवान गणेश को लाल और पीले रंग के फूल प्रिय हैं। उन्हें गेंदा, कनेर, गुलाब, गुड़हल के फूल चढ़ाया जाता है। हालांकी गणेश जी के पूजन में तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए।

4- केला – भगवान गणेश को केला का प्रसाद चढ़ाने का विधान है, हालांकि गणेश जी को हमेशा केला जोड़े में चढ़ाया जाता है।

5- सिंदूर – भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाना शुभ और मंगल का प्रतीक है। मान्यता है कि गणेश जी को सिंदूर अर्पित कर अपने माथे पर भी सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए, ये आपके जीवन में सुख और सौभाग्य लाता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

घर-घर में पूजी दियाड़ी, सहाड़ा के शक्तिपीठों पर विशेष पूजा अर्चना