डी. पी. ज्वेलर्स द्वारा आयोजित 7 दिवसीय परिणय - वैवाहिक ज्वेलरी एग्जीबिशन को ग्राहकों का मिल रहा शानदार प्रतिसाद

 


 

 

भीलवाड़ा (हलचल)। विवाह का उत्सव किसी भी परिवार के हर सदस्यों के लिए बहुत ख़ास होता है। हर एक सदस्य विवाह के पलों को संजोना चाहता है। इन्हीं पलों को स्वर्णिम बनाने के लिए मध्य भारत के प्रसिद्ध व विश्वसनीय डी. पी. ज्वेलर्स द्वारा 'परिणय - वैवाहिक ज्वेलरी एग्जीबिशन' का भव्य आयोजन किया गया है।

भीलवाड़ा में 56 नगर परिषद, राजेंद्र नगर पर स्थित डी. पी. ज्वेलर्स शोरूम में आयोजित 7 दिवसीय इस एग्जीबिशन में डी.पी. की अद्भुत डिज़ाइन्स और शुद्धता के पैमाने पर पूर्णतया खरा उतरने वाले गोल्ड व डायमंड के खूबसूरत गहनों की विशाल रेंज प्रस्तुत की गयी है। इस एग्जीबिशन की सबसे ख़ास बात है कि इसमें जड़ाऊ, पोल्की, फ्यूज़न, फिलिगिरि, एंटीक और डायमंड के ट्रेडिशनल से लेकर डिजाइनर गहनों की विस्तृत श्रंखला मौजूद है और ये सब कस्टमर्स के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। इस एग्जीबिशन को ग्राहकों का बहुत ही शानदार प्रतिसाद प्राप्त हो रहा है।  

 

परिणय एग्जीबिशन के बारे में अधिक जानकारी देते हुए डी. पी. ज्वेलर्स के  अनिल कटारिया ने बताया, "हम सदैव अपने कस्टमर्स के लिए एक नया अनुभव प्रस्तुत करने के लिए तैयार रहते हैं l इसी प्रयास के अंतर्गत हम कस्टमर्स की अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए उनके लिए इस वेडिंग सीजन में डिज़ाइनर व ट्रेडिशनल ज्वेलरी से अलंकृत एक्सक्लूसिव परिणय एग्जीबिशन प्रस्तुत कर रहे हैं। इस एग्जीबिशन की यह विशेषता है कि इसमें गोल्ड व डायमंड ज्वेलरी दोनों ही सम्मिलित हैं जो ग्राहकों को

बहुत पसंद आ रहा है और हमारा ये कलेक्शन ग्राहकों की हर वैवाहिक जरूरतों को पूरा कर रही है।"

 

पीढ़ियों से लाखों विवाह बंधन के साक्षी डी.पी. ज्वेलर्स पर 25 लाख परिवारों ने पिछले 81 वर्षों से हर शुभ अवसर पर आभूषणों की खरीदी के लिए अपना भरोसा जताया है। वेडिंग ज्वेलरी की खरीददारी के लिए डीपी ज्वेलर्स का नाम ही सबसे पहले लिया जाता है l  यही वजह हैं कि पीढ़ियों का विश्वास आज भी बना हुआ है l कई परिवारों में पीढ़ी दर पीढ़ी वैवाहिक कार्यक्रमों में डीपी ज्वेलर्स से ख़रीदे गए गहने अपनाये हैं l  डीपी ज्वेलर्स द्वारा इस वेडिंग सीजन में ग्राहकों को कीमतों से लेकर कलेक्शन तक अद्भुत फायदों की सौगात प्रदान की जा रही है।

 

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

घर-घर में पूजी दियाड़ी, सहाड़ा के शक्तिपीठों पर विशेष पूजा अर्चना