श्रीराम काव्यपाठ प्रतियोगिता में गूंजी प्रभु श्रीराम की शील, शक्ति एवं चरित्र की कविताएं

 

भीलवाड़ा । राष्ट्रीय कवि संगम के भीलवाड़ा जिला महामंत्री शिवदयाल अरोड़ा ने बताया कि श्री राम काव्य पाठ जिला स्तरीय फाईनल प्रतियोगिता रविवार को आदर्श विद्या मंदिर सुभाषनगर पर आयोजित की गई।
          प्रतियोगिता का शुभारंभ मुख्य अतिथि महावीर बाबेल, संरक्षक प्रहलाद पारीक, राष्ट्रीय मंत्री कवि योगेन्द्र शर्मा, जिलाध्यक्ष महेन्द्र शर्मा, जिला महामंत्री शिवदयाल अरोड़ा तथा निर्णायक, मण्डल के सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
          जिलाध्यक्ष महेन्द्र शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए निर्णायक शंकरलाल काबरा, डॉ. मंजू कोठारी, पं. रमाकान्त शर्मा का परिचय दिया।
          राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय मंत्री एवं श्री राम काव्य पाठ के राष्ट्रीय संयोजक कवि योगेन्द्र शर्मा ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बताया कि समूचे राष्ट्र में लगभग इक्कीस हजार प्रतियोगी अपने-अपने जिलों में आयोजित इस प्रतियोगिता में प्रभु श्रीराम पर कविताओं का पाठ कर रहे है।
          प्रतियोगिता के भीलवाड़ा जिला संयोजक वीरेन्द्र लोढ़ा के अनुसार इस प्रतियोगिता के 12 सितम्बर को आयोजित प्रथम चरण में 107 पंजीकृत प्रतिभागियों में से 16 उत्कृष्ट प्रतिभागियों का चयन कर फाईनल प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। प्रथम स्थान पर अनिरूद्ध पारीक, द्वितीय स्थान पर मनस्वी पुरोहित तथा तृतीय स्थान पर अविक दाधीच रहे, जिन्हें क्रमशः 2100, 1100 एवं 500 रूपए का नकद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि महावीर बाबेल द्वारा प्रदान किए गए।
          ये तीनों प्रतियोगी आगामी अक्टूबर माह में आयोजित होने वाली प्रदेश स्तर की प्रतियोगिता में भीलवाड़ा जिले का प्रतिनिधित्व करेगंे।
          कार्यक्रम में उपाध्यक्ष जे.पी. भाटिया, कोषाध्यक्ष ओम उज्ज्वल, सत्यनारायण मधुप, अरूण अदीब, श्यामसुन्दर तिवाड़ी मधुप, संजीव सजल आदि सदस्य भी उपस्थित रहे।
          कार्यक्रम में विष्णुप्रसाद सांगावत, नरेन्द्र वर्मा, नरेन, हर्षवर्धन दाधीच, राधिका दाधीच व अथर्व पारीक के कविता पाठ को भी बहुत सराहा गया। सभी 16 उत्कृष्ट प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।  इस भव्य कार्यक्रम का सफल संचालन जिला महामंत्री शिवदयाल अरोड़ा ने किया।

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

महिला से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार

घर-घर में पूजी दियाड़ी, सहाड़ा के शक्तिपीठों पर विशेष पूजा अर्चना