कोरोना वायरस से आजाद होना आसान नहीं, फिर कर सकता है वार

 

देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मामले थोड़े स्थिर हुए हैं. कई राज्यों में संक्रमितों के कम मामले देखते हुए उम्मीद की जा रही थी कि अगले 6 महीने में हमें इस जानलेवा वायरस से और राहत मिलेगी. लेकिन, वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस एक बार फिर से वार कर सकता है. दरअसल मिनेसोटा यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर इंफेक्शियस डिजीज रिसर्च एंड पॉलिसी (CFIDRP) के डेयरेक्टर माइकल ऑस्टरहोम (Michael Osterholm) का कहना है कि इस वायरस का खात्मा होना इतना आसान नहीं है. यै तो इसके खात्मे से पहले हर कोई संक्रमित हो चुका होगा या फिर उन्हें टीका लग चुका होगा.

उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे भी होंगे, जिन्हें इस संक्रमण से दो बार जूझना पर सकता है. ऑस्टरहोम के अनुसार दुनियाभर में कोरोना के नए मामलों में उतार-चढ़ाव अभी जारी रहेगा. लेकिन इसका ये मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए कि हम कोरोना से आजाद हो जाएगें. उन्होंने कहा कि सर्दियों में दुनिया को एक नई लहर का सामना भी करना पड़ सकता है.

दुनिया एक बार फिर अनलॉक की तरफ

वहीं ऑस्टरहोम के मुताबिक हर देश को वैक्सीनेशन पर खास ध्यान देने की जरूरत है. कोरोना संक्रमण के नए वैरिएंट से लड़ने और वैश्विक आबादी को टीका लगाने की जद्दोजहद तब तक जारी रहेगी, जब तक वायरस हर किसी को नहीं छू लेता. फिर चाहे वह संक्रमण के रूप में हो या फिर वैक्सीनेशन के रूप में. ऑस्टरहोम ने कहा कि दुनिया एक बार फिर धीरे धीरे सामान्य जिंदगी की ओर बढ़ रही है. अनलॉक के बाद स्कूल, कॉलेज, रेस्टोरेंट फिर से खोले जाएंगे जिससे महामारी के फैलने का खतरा एक बार फिर बन सकता है.

वैकेसीनेशन के बाद भी वायरस संक्रमित कर सकता है

उन्होंने कहा कि लोगों को ध्यान रखना होगा की वैक्सीनेशन के बाद भी उन्हें यह वायरस संक्रमित कर सकता है. इसलिए वायरस के संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा. ऑस्टरहोम कहते हैं, कोरोना जंगल की वो आग है, जो तब तक शांत नहीं होगी, जब तक हर लकड़ी (इंसान) तक नहीं पहुंच जाती. इस बीच, अगर टीके के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने वाले वेरिएंट पैदा हो गए तो महामारी फिर विकराल रूप अख्तियार कर सकती है

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