मजदूरी के बकाया रुपये लेकर मां, मासूम बेटे का करवाना चाहती थी ईलाज, ठेकेदार ने बंद कर लिया फोन,बच्चे की थम गई सांसें

 

 भीलवाड़ा हलचल। पाली जिले से ठेकेदार में बकाया मजदूरी लेने बदनौर आई महिला का तीन साल के मासूम बेटे ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया। इतना ही नहीं यह महिला काफी देर तक बेटे के शव के साथ बिलखती रही। आस-पास मौजूद लोगों ने जब उससे पीड़ा पूछी तब स्थिति साफ हो पाई। इस मामले में ग्रामीणों के सूचना देने के बाद भी  बदनौर पुलिस न तो मदद के लिए आगे आई न ही महिला को झांसा देकर फोन बंद करने वाले ठेकेदार पर कोई एक्शन लेना उचित समझा। इसे लेकर ग्रामीणों ने पुलिस के प्रति नाराजगी जाहिर की है।  
जानकारी के अनुसार, महिला पाली जिले के जोजावर गांव की आशा पत्नी गोमसिंह रावत है। वह, अपने पति के साथ ठेकेदार के लिए कुआं खुदाई का काम करती थी। आशा का बेटा बीमार था। इस बच्चे के इलाज के लिए वह ठेकेदार में बकाया मजदूरी के पैसे लेने बच्चे के साथ बदनौर आई थी। 
ठेकेदार ने आशा से कुछ देर रुकने के लिए कहा। इसके बाद उसने अपना फोन बंद कर लिया। उधर, ठेकेदार की इंतजार कर रही आशा के तीन वर्षीय बच्चे की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई।  अंतत: इस बच्चे ने वहीं दम तोड़ दिया।  
आशा का कहना था कि बच्चा बीमार होने और उसके इलाज के लिए पैसों की जरुरत होने की बात ठेकेदार को उसने बताई थी। वह गांव से 300 रुपये उधार लेकर आई थी। पति साथ आना चाहता था, लेकिन किराया राशि पूरी नहीं होने से वह अकेली ही बेटे के साथ बदनौर आई थी। उसने कहा कि वह ठेकेदार से पैसे लेकर बेटे का उपचार करवायेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ठेकेदार द्वारा फोन बंद कर लेने से वह बच्चे का उपचार नहीं करवा पाई और बच्चे को उल्टी व दस्त होने लगे और इसके बाद उसने दम तोड़ दिया।   
कस्बे के लोगों का कहना था कि महिला को गांव भेजने के लिए रुपये एकत्रित किये। उसके साथ गांव कौन जायेगा, इसे लेकर पुलिस से मदद मांगी, लेकिन पुलिस ने मानवता दिखाने के बजाय हाथ खड़े कर दिये। इससे पुलिस के प्रति लोगों में रोष है।  बाद में ग्रामीणों ने एक निजी कार से महिला को उसके बच्चे के शव के साथ शाम को उसके गांव भेजा गया।  

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