आपराधिक न्याय प्रणाली पर दो दिवसीय कार्यशाला का आगाज

 


नाथद्वारा।  नाथद्वारा इंस्टीट्यूट आॅफ बायोटेक्नोलाॅजी एण्ड मैनेजमेन्ट के तत्वावधान में ‘‘आपराधिक न्याय प्रणाली‘‘ शीर्षक पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत आज आॅनलाइन कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया। जिसका मुख्य उद्वेश्य विद्यार्थियों को कानून सम्बन्धी जानकारियाँ एवं उनके कानूनी अधिकारों से अवगत कराना है। 
        उक्त जागरूकता कार्यक्रम में अध्यक्ष तालुका विधिक सेवा समिति, अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश नाथद्वारा  लक्ष्मीकांत वैष्णव ने नाथद्वारा इंस्टीट्यूट आॅफ बायोटेक्नोलाॅजी एण्ड मैनेजमेन्ट काॅलेज के छात्र छात्राओं को दाण्डिक न्याय प्रणाली की जानकारी देते हुए बताया कि आपराधिक श्रेणी के प्रकरण क्रिमिनल एवं सम्पत्ति अथवा वैवाहिक आदि प्रकरण सिविल प्रकरणों के तहत आते है। आपराधिक श्रेणी के प्रकरणों हेतु सर्वप्रथम पुलिस थाने में एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाती है जिस पर थानाधिकारी स्वयं या किसी अन्य सक्षम अधिकारी को जाॅंच सौंपता है जिस पर अनसंधान किया जाकर पुलिस थाना द्वारा चार्जशीट न्यायालय में पेश की जाती है। यदि प्रकरण में गिरफ्तार किया गया अभियुक्त अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, बालक, महिला अथवा ऐसा व्यक्ति जिसकी आय 1,50,000/- रूपये से कम है, का है एवं स्वयं की और से पैरवी करने हेतु अधिवक्ता नियुक्त करने में अक्षम है तो न्यायालय द्वारा उस अभियुक्त की पैरवी करने हेतु निःशुल्क अधिवक्ता नियुक्त किया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को कानून की जानकारी होनी चाहिए । इसके साथ ही उन्होंने प्रथम सूचना रिपोर्ट, अनुच्छेद 22, 39(अ) व धारा 302, 307, 324 एवं 326 के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
        उक्त कार्यशाला में उपस्थित सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजसमन्द मनीश कुमार वैष्णव ने बताया कि संज्ञेय अपराध होने पर एफआईआर दर्ज की जाती है। संज्ञेय अपराध भी दो प्रकार का होता है जमानती एवं गैर जमानती। महिला गिरफ्तारी के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए उन्होंने बताया कि महिला को केवल महिला पुलिस द्वारा ही गिरफ्तार किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर महिला की गिरफ्तारी सूर्याेदय से पहले एवं सूर्यास्त के बाद नहीं हो सकती है। महिला की तलाशी भी महिला पुलिस के द्वारा ही ली जाती है।
   उक्त कार्यशाला में 107 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के अन्त में न्यायिक अधिकारीगण द्वारा विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शान्त किया गया एवं संस्थान की प्राचार्या डाॅ. रंजना शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
 

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