जिसे मरा बताकर परिजनों को सौंपा शव ,उसे 5 दिन बाद चित्तौड़ पुलिस ने किया जिंदा गिरफ्तार

 


भीलवाड़ा/चित्तौड़गढ़ हलचल

पांच दिन पहले एक सड़क हादसे में मरे युवक को चित्तौड़गढ़ पुलिस ने जिंदा गिरफ्तार किया वह भी अफीम डोडा चूरा चोरी करते हुए इस गिरफ्तारी से परिजनों  तो खुश हो गए लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग गया अप पुलिस पर उस व्यक्ति का पता लगाने की जिम्मेदारी आन पड़ी है किसका शव गिरफ्तार किए गए युवक के परिजनों को सौंपा था। वैसे इस मामले की पड़ताल में ओर बड़ा राज खुलने की चर्चा है।

 

जिसे मृत समझकर परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया हो, वह अगर जिंदा मिल जाए तो इसे क्या कहेंगे? परिजनों के लिए यह बात किसी खुशी से कम नहीं, लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने वाला है। ऐसा ही एक मामला चित्तौड़गढ़ जिले में बुधवार को उस समय सामने आया जब डोडा—चूरा की चोरी के मामले में पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि बुधवार को चित्तौड़गढ़ जिले के सतपुड़ा ग्राम पंचायत के डोरिया गांव के रविन्द्र सिंह को डोडा—चूरा की चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। जब उसके परिजनों को सूचित किया तो पता चला कि गत 19 मार्च को  चितौड़गढ़ सदर थाना क्षेत्र में भीलवाड़ा हाई वे पर रिटोला के पास  हुए सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई थी। उसकी पहचान डोरिया के रविन्द सिंह के रूप में करते हुए पुलिस ने उसका शव उसके परिजनों को सौंपा था। जिसके बाद परिजनों ने भी उसका अंतिम संस्कार पूरी रीति रिवाज से किया और सभी रस्में निभाईं। किन्तु बुधवार को उसी सदर थाना पुलिस ने सूचित किया कि रविन्द्र सिंह को डोडा—चूरा की चोरी के मामले में गिरफ्तार किया है।

यह परिजनों के लिए अचंभे से कम नहीं। पुलिस को भी उस समझ झटका लगा, जबकि इसी थाना पुलिस ने सड़क हादसे में मृत युवक को रविन्द्र सिंह बताते हुए उसे परिजनों के हवाले किया था। अब पुलिस उस व्यक्ति की जांच में जुटी है कि वह शव आखिर किसका था। पुलिस अब इस नजरिये से भी जांच में जुटी है कि कहीं खुद रविन्द्र ने ही यह षड़यंत्र रचा हो। रविन्द्र के खिलाफ मादक पदार्थ की तस्करी के कई मामले दर्ज हैं और उससे बचने के लिए उसी ने कहीं किसी अन्य युवक की हत्या कर उसका हुलिया बिगाड़ने के बाद उसकी पहचान के सबूत रखे हो। रविन्द्र से इस संबंध में पूछताछ जारी है। इधर, पुलिस उप अधीक्षक बुधराज सिंह का कहना है कि रविन्द्र के परिजनों ने शव की पहचान की थी। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के बाद शव उन्हें सौंपा गया था। मामले में जांच जारी है कि इस तरह की गलती किस तरह हुई और 19 मार्च को मिला शव किसका था।

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