14 दिन न्यायिक हिरासत में रहेंगे कन्हैया के हत्यारे, कोर्ट पहुंचे आरोपी

 


उदयपुर । धानमंडी इलाके में हुई कन्हैया लाल साहू की हत्या के मामले में गिरफ्तार दोनों आतंकियों को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 14 दिन के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। शाम 5:50 पर दोनों आरोपियों को बख्तरबंद गाड़ी से जिला न्यायालय में लाया गया। दोनों आरोपियों की करीब 45 मिनट तक सुनवाई हुई। आरोपियों को चलने में परेशानी थी इसलिए पुलिसकर्मी उन्हें हाथों पर उठाकर कोर्ट में जज के सामने ले गए। सुनवाई के दौरान सबसे पहले जज ने आरोपियों से उनका नाम पूछा। इसके बाद उन्होंने पांव से नहीं चल पाने का कारण पूछा तो आरोपियों ने कहा कि हत्या के बाद जब भाग रहे थे तो पांव में चोट लग गई। पुलिस के पकड़ने से पहले से पांव में चोट थी।

 एसआईटी टीम के साथ एएसपी अनंत कुमार के नेतृत्व में टीम आरोपी को लेकर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंची। सेशन न्यायधीश से दोनों आरोपियों को पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने का निवेदन किया। एएसपी अनन्त कुमार ने करीब 40 मिनट में पूरे घटनाक्रम और पुलिस, SIT द्वारा की जा रही जांच के बारे में बताया। APP कपिल टोटावत ने बताया कि दोनों आरोपियों को 14 दिन की न्याययिक अभिरक्षा में भेजा। वो 13 जुलाई तक उदयपुर की सेंट्रल जेल में रहेंगे। इससे पहले NIA या कोई भी दूसरी एजेंसी वापस आरोपियों को कोर्ट पेश कर सकती है।

 बार एसोसिएशन नहीं करेगा आरोपियों की पैरवी

आरोपियों को कोर्ट में पेश किए जाने की जानकारी मिलते ही दोपहर 4 बजे से वकील कोर्ट में जमा हो गए। पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता भी लगाया गया था। आरोपियों की बस आते देखते ही वकीलों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वंदेमातरम और भारत माता के जयकारे हुए आरोपियों को फांसी देने की मांग हुई। इससे पहले बार एसोसिएशन द्वारा किसी भी वकील द्वारा पैरवी नहीं करने का निर्णय लिया गया था। कोर्ट से जाते हुए आरोपियों की बस पर वकीलों ने मुक्के भी मारे। पुलिस लगातार आरोपियों को कड़ी मशक्कत के बाद बस से कोर्ट में ले जा पाई। पुलिस और वकीलों के बीच 5 बार धक्का मुक्की की नौबत भी आई।

अलग-अलग थानों में रखा गया 

पुलिस ने आतंकियों को कोर्ट में पेश करने से पहले तीन दिन अलग-अलग थानों में रखा। पुलिस ने आतंकियों को जिस दिन गिरफ्तार किया उस दिन भीम थाना इलाके में रखा गया। उसके अगले दिन चारभुजा थाने में रखा गया। वहीं एक दिन पहले देलवाड़ा थाने रखा गया। उदयपुर में आक्रोश की संभावना के चलते पुलिस अपराधियों को उदयपुर नहीं लाई।

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