बरसात में फंगल इंफेक्शन के केस सबसे ज्यादा

 


भीलवाड़ा विजय गढ़वाल
यूं तो कई प्रकार के चर्म रोग होते हैं लेकिन चूंकि अब मानसून ने दस्तक दे दी है और चाहे जब बरसात हो जाती है। कभी हम बरसात में भीग जाते हैं और गीले कपड़े चेंज नहीं करते या नहीं कर पाते तो ऐसी स्थिति में फंगल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसी का नतीजा है कि महात्मा गांधी अस्पताल के चर्म रोग के आउटडोर में रोज आने वाले करीब 200 मरीजों में से 120 को फंगल इंफेक्शन से पीड़ित होते हैं।
चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. महेंद्र कुमार छापरवाल बताते हैं कि चर्म रोग के फैलने का सबसे बड़ा कारण है कि लोग चर्म रोग होने पर घरेलू नुस्खे आजमाते हैं या मेडिकल स्टोर से खुद ही दवा ले आते हैं लेकिन वे असरदार नहीं होती। महात्मा गांधी अस्पताल में काफी दवाइयां उपलब्ध हैं और चर्म रोगी को तुरंत अस्पताल में संपर्क करना चाहिए ताकि चर्म रोग न फैले। बरसात में भीगने से बचना चाहिए और भीग भी जाएं तो तुरंत नहाकर शरीर को अच्छे से पोंछना चाहिए। एंटी फंगल पाउडर लगाना चाहिए।  
इसके अलावा अन्य चर्म रोगों से बचने के लिए जहां गाजर घास लगी हो, ऐसे स्थानों पर जाने से बचना चाहिए। तेज धूप से सन बर्न से त्वचा को नुकसान होता है, ऐसे में तेज धूप में निकलने से बचना चाहिए। चेहरे को छूने से पहले हाथ धो लें। सावधानी रखकर चर्म रोगों से बचा जा सकता है।      

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