मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वेन द्वारा वाटर टेस्टिंग नाम पर खानापूर्ति

 


रायपुर हलचल (मुकेश शर्मा) पेयजल की गुणवत्ता की जांच के लिए सरकार करोड़ों रुपए वाटर टेस्टिंग लैबोरेट्री वेन पर खर्च कर रही है, लेकिन अफसरों की उदासीनता के कारण वाटर टेस्टिंग के कार्य में मात्र औपचारिकता पूरी की जा रही है तथा इसका खामियाजा पेयजल उपभोक्ताओं को भरना पड़ रहा हैं।

रायपुर उपखण्ड में पेयजल की गुणवत्ता की  "ऑन द स्पॉट "  जांचों के लिये मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वेन द्वारा सेम्पल लिये जा रहे हैं ,लेकिन BHN द्वारा  लेबोरेट्री का निरीक्षण किया गया तो पूरी वेन कबाड़ हालात में नजर आई।

वेन में वाटर सेम्पल की जांच में आने वाली कोई भी मशीन चालू हालात में नही थी।लेबोरेट्री में खाना बनाया जा रहा था। वाटर टेस्टिंग के नाम पर केवल सेम्पल एकत्र किये जा रहे थे। सुपरवाइजर विशनाराम ने बताया कि वाटरसेम्पल लेकर भीलवाड़ा जमा कराया जायेगा। ऐसे में सवाल यह है कि वाटर टेस्टिंग के नाम पर गांव - गांव  मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वेन  को घुमा घुमा करोड़ों रुपये खर्च क्यों किये जा रहे हैं।

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