खुलासा- रिटायर्ड अफसर ही निकला कातिल, बेटे का कत्ल कर शव के ग्राइंडर से किये टुकड़े, अलग-अलग स्थानों पर फैंक आया था

 


अहमदाबाद के वासणा इलाके में 21 जुलाई को बिना सिर, हाथ और पैरों वाला शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। घटना के 3 दिन बीत जाने के बाद वासणा से करीब 3 KM दूर एलिजब्रिज इलाके से शव के पैर मिले। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से पूरे केस को सुलझा लिया है। शव स्वयम जोशी नाम के युवक का है। हत्या उसके ही बुजुर्ग पिता नीलेश जोशी ने की है।

पुलिस ने नीलेश जोशी को शनिवार शाम राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। पिता ने गुनाह भी कबूल कर लिया है। पिता ने बताया कि बेटे को शराब की लत थी। वह रोज नशे में मुझसे झगड़ा करता था। इसी से तंग आकर उसने सोते हुए बेटे को पहले धारदार हथियार से मार डाला, फिर ग्राइंडर से सिर, हाथ और पैरों को शव से अलग कर दिया था।

21 जुलाई यानी पिछले गुरुवार को कलगी चार रोड से गुजरते वक्त कचरा बीनने वालों ने पुलिस को सूचना दी थी कि एक पॉलिथीन में किसी शव के कटे हुए अंग भरे हुए हैं। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो एक अधेड़ व्यक्ति स्कूटर पर वही पॉलिथीन लिए हुए नजर आया। पुलिस ने स्कूटर का नंबर निकलवाया। जब स्कूटर मालिक तक पुलिस पहुंची तो पता चला कि स्कूटर उसने अंबावाड़ी इलाके में रहने वाले नीलेश को बेच दिया है।

स्कूटर की जानकारी मिलते ही पुलिस अंबावाडी सोसाइटी में नीलेश के घर पहुंची। घर में ताला लगा हुआ था। टीम ताला तोड़कर घर में दाखिल हुई तो फर्श पर चारों तरफ खून के निशान दिखे। इसके बाद पुलिस ने घर के सामने दूसरे मकान में लगे कैमरे की जांच की तो उसमें नीलेश लाश के टुकड़े पॉलीथिन में भरकर फ्लैट से बाहर निकलते हुए दिखाई दिया।

 पुलिस के पहुंचने तक नीलेश घर से फरार हो चुका था, लेकिन इसी समय पुलिस ने उसके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर ली। लोकेशन राजस्थान में थी। पुलिस ने राजस्थान पुलिस से संपर्क किया और शनिवार शाम को नीलेश को अरेस्ट कर लिया गया। पूछताछ में नीलेश ने यह बात कबूल कर ली है कि यह शव उसके बेटे स्वयम का ही है।

आरोपी रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी 

आरोपी नीलेश एसटी बस डिपो का रिटायर्ड कर्मचारी है। नीलेश की पत्नी का निधन हो चुका है। पिता-बेटा साथ में रहते थे, जबकि बहन बगल के फ्लैट में रहती है। बहन की शादी नहीं हुई है। पुलिस इस जांच में भी जुटी है कि हत्या में आरोपी पिता के अलावा और कोई भी शामिल था या नहीं। बहन भी अब तक यह नहीं बता पाई है कि उसे इतने दिनों तक मामले की जानकारी क्यों नहीं हुई। फिलहाल बहन से भी पूछताछ जारी है।

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