बड़ों ने डांटा तो घर छोड़कर भागे तीन बच्चे आरपीएफ ने चाइल्ड लाइन को सौंपा

 


चित्तौड़गढ़ BHN

माता-पिता के डांटने पर और घर पर झगड़ा होने के कारण तीन बच्चे अपने घर पर बिना बताए निकल गए। तीनों बच्चे लावारिस हालात में जयपुर-हैदराबाद ट्रेन में थे, जिन्हें आरपीएफ ने थाने पहुंचाया। पूछताछ के बाद तीनों को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। देर रात का मामला होने के कारण सीडब्ल्यूसी के मौखिक आदेश पर बच्चों को राजकीय किशोर गृह में रखा गया।
आरपीएफ सीआई नाथूराम जाट ने बताया कि ट्रेन संख्या 12719 के आने के बाद हेड कॉन्स्टेबल जगन्नाथ सैनी ट्रेन के अन्दर चेकिंग कर रहे थे। इसी दौरान कोच नंबर डी1 में तीन बच्चे लावारिस हालत में मिले। आरपीएफ तीनों बच्चों को थाने ले आई और पूछताछ की।
पूछताछ के दौरान एक बच्चे ने अपना नाम इंदौर मध्य प्रदेश निवासी जय रजक पुत्र अनिल रजक, दूसरे ने अक्षर पुत्र राकेश कोचले और तीसरे ने निर्गुण पुत्र मंसाराम बलाई बताया। तीनों एक ही कॉलोनी के रहने वाले हैं और तीनों की उम्र 16 साल है। बच्चों से जब उप निरीक्षक जनक सिंह ने पूछताछ की तो पुलिस के सामने बताया कि तीनों बच्चों ने अपने घर पर झगड़ा होने और माता-पिता द्वारा डांटने पर गुस्से में आकर घर से भाग निकले। आरपीएफ पुलिस ने तीनों को बच्चों को समझाया और चाइल्ड केयर सेंटर के इंचार्ज भूपेंद्र सिंह को सौंप दिया। चाइल्ड केयर ने सीडब्ल्यूसी को इस बारे में बताया। देर रात हो जाने के कारण सीडब्ल्यूसी की सदस्य मंजू जैन के मौखिक आदेश पर बच्चे तीनों बच्चों को रात को राजकीय किशोर गृह में संरक्षण दिया गया।

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