सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक तो नहीं लग पाई, उल्टा शुरू हो गई ब्लैकमेलिंग

 


भीलवाड़ा आकाश गढ़वाल
सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के अभियान के तहत नगर परिषद की ओर से की जा रही कार्रवाई के बाद प्लास्टिक पर रोक तो नहीं लग पाई लेकिन प्लास्टिक की ब्लैकमेलिंग जरूर चालू हो गई है। अभियान के चलते प्लास्टिक के दामों में प्रतिकिलो 30 रुपए से अधिक की बढ़ोतरी हो गई है। प्लास्टिक आइटम बेचने और खरीदने वालों की कोई कमी नहीं है, बस अंडरग्राउंड काम चल रहा है।
राज्य सरकार की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के आदेश एक जुलाई से लागू किए गए। इससे पहले प्रशासन ने प्रचार-प्रसार तो किया लेकिन दुकानदारों और विक्रेताओं ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। प्लास्टिक के स्थान पर अन्य वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किए जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सब्जियां और फल-फ्रूट तो कपड़े के थैले में लाए ले जाए जा सकते हैं लेकिन अब भी दूध, चाय, दही, मिठाई, तेल, घी व अन्य तरल पदार्थ प्लास्टिक की थैलियों में ही खपाए जा रहे हैं। इसके लिए न तो लोग घरों से कोई बरतन लाने के लिए तैयार हो पाए हैं और न ही दुकानदारों ने इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है। सब्जी मंडी में भी अभी तक प्लास्टिक की थैलियों का प्रचलन नहीं रूक पाया है।
ब्लैक में बिक रहे प्रतिबंधित प्लास्टिक आइटम
शहर में कुछ दुकानों पर छापे मारकर नगर परिषद व प्रशासन ने अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। कुछ किलो प्लास्टिक जब्त कर और दुकानदारों पर जुर्माना कर उसने वाहवाही लूटने का प्रयास किया लेकिन वास्तविकता में शहर में व्यापक स्तर पर प्लास्टिक का कारोबार करने वाले कारोबारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है, यही वजह है कि बड़े दुकानदारों ने अपने गोदाम कहीं ओर बना लिए है और वहीं से माल सप्लाई किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर हकीकत यह है कि शहर में प्रतिबंधित प्लास्टिक का कारोबार अब अंडरग्राउंड चल रहा है। अगर आपको प्लास्टिक के आइटम चाहिए तो उसके लिए नया ट्रेंड चल निकला है। आपको दुकानदार को फोन कर अपना ऑर्डर बुक करवाना होगा। दुकानदार आपको समय देगा और दुकान से इधर-उधर बुलाकर आपको जितना माल चाहिए, दे दिया जाएगा। बस शर्त यही है कि आपको दुकान पर नहीं आना होगा और कीमत भी अधिक चुकानी होगी।
130 से 160 रुपए प्रतिकिलो हुए दाम
रोक के बाद प्लास्टिक आइटम महंगे हो गए हैं या दूसरे शब्दों में कहें तो इसकी ब्लैकमेलिंग शुरू हो गई है। पहले जहां सबसे ज्यादा बिकने वाली प्लास्टिक थैलियों का रेट 130 रुपए प्रतिकिलो था, वहीं अब यह 160 रुपए प्रतिकिलो हो गया है। ऐसे में दुकानदारों की चांदी हो रही है। माल दुकानों पर नहीं रखकर दूसरे ठिकानों पर रख दिया गया है जहां से यह कारोबार चल रहा है।
इनका कहना है...

नगर परिषद की ओर से प्रतिबंधित प्लास्टिक का व्यापार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। अगर ब्लैकमेलिंग जैसी बात सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
अखेराम बगड़ोदिया, अभियान प्रभारी, नगर परिषद, भीलवाड़ा 

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