आमेट की पहली बेटी आयुषी 23वीं रैंक लाकर बनी आरजेएस

 


राजसमन्द( राव दिलीप सिंह ) निर्धारित शेड्यूल में दो साल तक पढ़ाई की, परिवार का साथ मिला और आरजेएस का लक्ष्य प्राप्त कर लिया। पहले ही प्रयास मे सफल होने मे कामयाब रही । यह कहना है आमेट निवासी आयुषी देवपुरा का राजस्थान ज्युडिश्यरी सर्विस में 23वीं रैंक लाने पर। आमेट निवासी एडवोकेट पिता मुकेश देवपुरा ने बताया कि परिवार में पहले से कोई आरजेएस नही हैं। हमारी इच्छा थी कि बेटी आरजेएस बने। इसके लिए लॉ इंटीग्रेटेड कोर्स में दाखिल दिलाया। वहां से बीबीए के साथ ही एलएलएबी की। फिर आरजेएस की तैयारी में जुट गई। आयुषी बताती हैं कि मेरे पास अगले दिन का शेड्यूल तैयार होता । इस तरह मेरा सिलेबस पूरा हो गया। इसके साथ ही रिवीजन भी होता चला गया। ऐसे करते-करते इतनी जबरदस्त तैयारी हो गई कि परीक्षा में सिर्फ तनाव प्रबंधन पर ही काम करना पड़ा। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान परिवार के साथ रही। इससे हौसला मिलता रहा। पहले ही प्रयास में शानदार सफलता अर्जित कर सकी।

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