गैंगस्टर भानूप्रताप हत्याकांड का आरोपित नरेंद्र सिंह 11 साल बाद पकड़ा गया

 


कोटा.  पुलिस ने गैंगस्टर व दो पुलिसकर्मियों हत्या में शामिल बदमाश नरेंद्र सिंह उर्फ किट्टू (42) को गिरफ्तार किया है। जिसने अपने अपने भाई बृजराज की मौत का बदला लेने के लिए गैंगस्टर भानू प्रताप सिंह को गोलियों से भूनकर मार डाला था। साथ में दो पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी। चार पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। जो पिछले 11 साल से फरार था। आरोपी की गिरफ्तारी पर पुलिस मुख्यालय द्वारा 10 हजार और कोटा पुलिस की ओर से 5 हजार का इनाम घोषित कर रख था। नरेंद्र कोटा व उदयपुर रेंज के वांटेड था। डीएसटी साइबर सेल व कमांडो की टीम ने आरोपी को जाजगीर चांपा छत्तीसगढ़ से पकड़ा। नरेंद्र सिंह, गैंगस्टर शिवराज सिंह का छोटा भाई है।

हत्या के मामले में फरार होने के बाद से नरेंद्र सिंह दिल्ली में अंकित नाम से रह रहा था। बार-बार ठिकाने बदल रहा था। पुलिस को जांच के दौरान दिल्ली के संगम विहार स्लम एरिया में फरारी काटने की जानकारी मिली। पुलिस की भनक लगते ही आरोपी नरेंद्र दिल्ली से एमपी की तरफ भाग गया। इसके बाद उसके पीछे कमांडों की एक टीम को रवाना किया। टीम ने शिवपुरी, झांसी, सतना और जबलपुर क्षेत्रो से जानकारों हासिल की। जहां से छत्तीसगढ़ में होने की जानकारी मिली। फिर अकलतरा जिला जाजगीर चोंपा छत्तीसगढ़ से नरेंद्र को गिरफ्तार किया। टीम ने बदमाश को पकड़ने के लिए 3 दिन में 3 हजार किलोमीटर का सफर किया। इसके बाद सोमवार को गिरफ्तार किया गया। 
साल 2007-08 के आसपास हाड़ौती के कुख्यात गैंगस्टर भानु प्रताप सिंह का गिरोह दो गुटों में बट गया था। इसमें से एक गुट भानु प्रताप और दूसरे गुट लाला बैरागी चला रहा था। वर्चस्व की लड़ाई में भानु प्रताप ने अपने साथी के साथ मिलकर 12 दिसंबर 2008 को गैंगस्टर लाला बैरागी पर हमला किया था। उद्योग नगर क्षेत्र के राजनगर तिराहे पर लाला बैरागी को सरेआम गोलियों से भूनकर और तलवार से काट कर हत्या कर दी थी। हत्याकांड में 40 से ज्यादा फायर हुए थे। 

इसके बाद इस केस के गवाह बृजराज सिंह उर्फ बबलू ,उसके साथी जितेंद्र सिंह उर्फ पिंटू दोनों का मर्डर किया था। 12 मई 2009 को मेनाल जिला चित्तौड़गढ़ के पास भानु प्रताप उसके साथियों ने मिलकर बृजराज सिंह व जितेंद्र सिंह को मौत के घाट उतार दिया था। इस हत्याकांड में लगभग 100 से ज्यादा फायर किए गए थे। इन दोनों बड़ी घटनाओं से हाड़ौती सहित राजस्थान के कई हिस्सों में गैंग का वर्चस्व बढ़ गया था।

मृतक बृजराज सिंह गैंगस्टर शिवराज सिंह व नरेंद्र सिंह का बड़ा भाई था। अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए 19 अप्रैल 2011 को गैंगस्टर शिवराज सिंह और नरेंद्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर बिजोलिया जिला भीलवाड़ा में पुलिस हिरासत में गैंगस्टर भानु प्रताप सिंह की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। भानू को उदयपुर जेल से झालावाड़ कोर्ट में पेशी पर लाया जा रहा था। बिजोलिया थाना क्षेत्र स्थित टोल नाके के आगे टाटा शोरूम के पास गैंगस्टर भानु प्रताप सिंह को पेशी पर जाते समय पुलिस वैन पर दो स्कॉर्पियो गाड़ी से टक्कर मारकर रुकवाया था। फिर अंधाधुंध गोलियां की बौछार की थी। हमले में गैंगस्टर भानू ,पुलिस के जवान प्रकाश चंद,सोहन लाल की मौके पर मौत हो गई थी। जबकि 4 पुलिस गार्ड घायल हुए थे।

इन्होंने दिया था अंजाम

नरेंद्र सिंह उर्फ किट्टू के भाई शिवराज सिंह हाडा और साथी सूरज सिंह, गिरिराज सिंह, मोंटी तोमर, हरेंद्र सिंह, अज्जू,उर्फ अजय उर्फ बिंद्रा फौजी, अल्लू उर्फ अरविंद सिंह ने मिलकर कोर्ट में फायरिंग की थी।मामले में सभी आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे। नरेंद्र सिंह उर्फ किट्टू फरार चल रहा था।

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