27 वर्षों से राहगीरों की प्‍यास बुझा रहे है मांगीलाल

 


बागौर , बरदीचंद जीनगर ।
 गूंदली गामं पंचायत के एक वृद्ध ने अपना जीवन राहगीरों को पानी  पीलाने मे बिता दिया । 20 साल तक अपने हाथौ से खोदी कुई से पानी निकाल कर सडक किनारे बेठकर पानी पिलाया ,आवगमन के साधन बढे तो शहर शहर गांव गांव जाकर 27 सालो से पानी  पिला रहे है।
जानकारी के अनुसार भीलवाड़ा जिले के सुवाणा पंचायत समिति के गूदंली गावं मे रहने वाला  वृद्ध मागीं लाल गुर्जर  अपने जीवन के 78  बसंत देख चुके है। गुंदली भीलवाड़ा  से अमरगढ और बागोर जाने वाली मुख्य सडक से तीन किलोमीटर अंदर बसा गांव है ।बीते सालौ मे गावं जाने का एक ही कच्चा रास्ता था ,लोग बसों एवं अन्य साधनों  से पहुंच  कर  पैदल ही गांव गुंदली जाना पड़ता लेकिन प्यास बुझाने का  कोई साधन नही था ।
कई बार अपने गावं से पैदल आने जाने के बीच पानी की कमी से राहगीर प्यासे ही चले जाते थे । तभी मांगी लाल ने ठान ली कि‍ मैं अब इस सडक से जाने वालो की प्यास बुझाऊंगा।  अपनी छोटी उम मे गुंदली गावं के चौराहे पर एक 25 फिट तक कुई खोदी।,उसमे से एक बाल्टी पानी निकाल कर राहगिरों को पानी पिलाना शुरू किया धिरे धिरे राहगीर वंहा रुक कर पानी पिते गरमी हौ सर्दी या बारिस का मौसम चौराहे पर पानी लेकर प्यास बझाएने लगे,तब  मन को सकुन मिलने लगा । बीस वृर्षो तक चोराहे पर राहगीरों को पानी पिलाया ,
उसके बाद विकास हुआ संसाधन बढे तो चौराहे से हाथ मे पानी का चुरु लौठा लेकर आनेजाने की  बसो मे यात्रियों कौ पानी पिलाते हुए एक गावं सै दुसरे गावं तक सफर करने लगे जहाँ पानी खत्म हौता वही से भर कर अन्य बस मे सवार हौकर यात्रियों की प्यास बुझाने लगे , अपने गावं से 100  किलौमिटर दुर तक बस मिली तौ ठीक नही तौ पेदल ही शहर हो या गावं सिर पर पानी का चुरू लेकर  पिछले  27 वृर्षो से पानी पिला रहे है।
वृद्ध  मागी लाल कौ बचफन से ही लौगो की सेवा भाव से अच्छा लगता जिसमे पानी पिलाने मे मन कौ शांति मिलने के कारण ही अपना परिवार छौड सेवा करने लगे वद्ध अविवाहित हे । जो बागौर, गंगापुर ,रायपुर ,आमेट , कुरज ,कुवारिया दरिबा माइंस,करेडा , मांडल ,देवगढ़ ,कौशिथल, माडलगढ, सहित हर छौटे बडे शहर, गावं  की गलियारों मे गुम गुम कर लौगौ की प्यास बुजाने मे लगे रहते हे  ।

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