होलिका दहन कल भद्रा की पूंछ में, धुलण्डी शुक्रवार को
भीलवाड़ा (हलचल)। कोरोना काल के बाद इस बार होली और धुलण्डी के पर्व को लेकर लोगों में खासकर युवाओं में खासा उत्साह है। धुलण्डी और शीतला सप्तमी का रंगो भरे पर्व को लेकर तैयारियों को अन्तिम रूप दिया जा रहा है। गुरूवार को होली का दहन होगा और शुक्रवार को धुलण्डी का पर्व मनाया जाएगा। होलिका दहन शुभ मुहूर्त: इस साल होलिका दहन 17 मार्च दिन गुरुवार को है। मतलब 17 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त रात 09 बजकर 06 मिनट से रात 10 बजकर 16 मिनट तक है। लेकिन इस समय में भद्रा की पूंछ रहेगी। शास्त्रों के अनुसार भद्रा पूंछ में होलिका दहन कर सकते हैं। इसलिए 17 मार्च को रात 09 बजकर 06 मिनट से होलिका दहन हो सकता है। क्योंकि इस दिन भद्रा का समापन देर रात 01 बजकर 12 मिनट पर होगा। यदि जो लोग भद्रा के बाद होलिका दहन करना चाहते हैं, तो उनके लिए मुहूर्त देर रात 01:12 बजे से 18 मार्च को सुबह 06:28 बजे तक है। ये करें उपाय: सुख- समृद्धि का होगा वास: होलिका दहन की भस्म को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस भस्म को घर में लाकर हर कोने में छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा भाग जाती है। साथ ही घर में सुख और समृद्धि का वास होता है। वहीं घर में मां लक्ष्मी का वास रहता है। बीमारी से मिल सकती है मुक्ति: यदि कोई लंबे समय से बीमार हो और उसे बीमारी से मुक्ति नहीं मिल पा रही हो तो होली दहन के समय देशी घी में दो लौंग, एक बतासा और एक पान का पत्ता इन सभी को होली पर जलने वाली आग में डाल दें। अगले दिन इस राख को लाकर रोगी के शरीर पर लगाएं और फिर हल्के गर्म पानी से स्नान कराएं, ऐसा कराने से उसे जल्द ही स्वास्थ्य लाभ होगा।
माथे पर लगाएं भस्म: शास्त्रों में होली की भस्म को काफी शुभ माना जाता है। होलिका की राख को माथे पर लगाने से अच्छा परिणाम मिलता है और नकारात्मक शाक्तियां दूर हो जाती है। साथ ही जीवन में सकारात्मकता का वास होता है। अटके हुए काम बनने लगते हैं। होलिका में अर्पित करें : |
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