सालगराम 10 बैल गाड़ियों पर सवार होकर तुलसी संग ब्याह रचाने पहुँचे

मंगरोप(मुकेश खटीक) जिले के रूपालिया गाँव के लोगों ने बैल गाड़ियों पर सालगराम जी जी की बारात निकालकर सदियों पुराने रीती रीवाजो की धुंधली पडती हुई परम्पराओ का निर्वहन करते हुए लोगों के सामने पुराने जमाने में होने वाले शादी विवाह की छवि प्रस्तुत की है।शंकरलाल जाट ने बीएचएन को बताया की रूपालिया ग्रामवासी रूपालिया श्याम मन्दिर से सालगराम जी की बारात बनकर 10 बैलगाड़ी में सवार होकर गाजे बाजे के साथ निकटवर्ती गाँव रुपालिया खेड़ा में जोरावार सिंह चुण्डावत के यहां पहुँचे जहापर हिन्दू रीती रीवाज के अनुसार सालगराम जी द्वारा तोरण की रस्म की गई।शादी विवाह में होने वाली सभी रस्मो को निभाते हुए सालगराम ने तुलसी संग फेरे लिए। 


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